इंदौर, विकाससिंह राठौर। परिवहन विभाग द्वारा इंदौर में बने निजी ऑटोमैटेड फिटनेस सेंटर को फायदा पहुंचाने के लिए अपने कानून को ही बदल डाला है। परिवहन विभाग ने 2019 में कानून बनाया था कि मध्यप्रदेश के वाहन राज्य के किसी भी जिले में वाहन का फिटनेस टेस्ट करवा सकते हैं। इस नियम से वाहन मालिकों को काफी सुविधा होती थी, लेकिन इंदौर में हाल ही में शुरू हुए निजी फिटनेस सेंटर के बाद कल से ही इंदौर के वाहनों को प्रदेश के किसी भी जिले में फिटनेस जांच के लिए अपाइंटमेंट तक नहीं दिया जा रहा है। साफ है कि कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए सभी वाहनों को बलपूर्वक विभाग निजी सेंटर भेजना चाहता है। इससे इंदौर के बाहर वाहन संचालित करने वाले वाहन मालिक सबसे ज्यादा परेशान हैं।
उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग द्वारा लंबे समय से कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच ऑटोमैटेड सेंटर के माध्यम से करवाए जाने की कवायद की जा रही थी। पहले विभाग खुद यह सेंटर स्थापित करने वाला था, लेकिन बाद में निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए वाहनों की इस जांच को निजी हाथों में देने के नियम बना दिए। इसके तहत राजस्थान की एक कंपनी ने इंदौर में नेमावर रोड पर इंडेक्स कॉलेज के पास स्थित वेदांती व्हीकल फिटनेस सेंटर नाम से फिटनेस जांच केंद्र खोला है। इस कंपनी द्वारा ही प्रदेश में भोपाल और ग्वालियर में भी सेंटर शुरू किए गए हैं। विभाग शुरुआत से ही आम लोगों से ज्यादा कंपनी के पक्ष में नजर आ रहा है। विभाग ने 12 जुलाई को आदेश जारी करते हुए कहा था कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में विभाग द्वारा की जाने वाली फिटनेस जांच पूरी तरह बंद होगी और सिर्फ ऑटोमैटेड फिटनेस सेंटर (एटीएस) पर ही वाहनों की जांच की जाएगी। इसके बाद विभाग के वाहन पोर्टल में सेंटर के अपाइंटमेंट ना निकल पाने के कारण कल तक विभाग में यह जांच जारी रही, लेकिन कल शाम से निजी सेंटर के अपाइंटमेंट का ऑप्शन खुलते ही विभाग में जांच के लिए अपाइंटमेंट का ऑप्शन बंद कर दिया गया है। साथ ही इंदौर के वाहनों को इंदौर के निजी सेंटर के अलावा किसी अन्य सेंटर पर भी जांच के लिए अपाइंटमेंट पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि भोपाल और ग्वालियर के वाहनों पर भी यह मनमानी थोपी गई है।
पूरे देश के लिए छूट देना थी, लेकिन प्रदेश की छूट भी छीनी
परिवहन विभाग द्वारा जब निजी कंपनियों को फिटनेस जांच करने के लिए कानून तैयार किया गया था, तब कहा गया था कि अभी जहां वाहन मालिक प्रदेश में कहीं भी वाहन की फिटनेस जांच करवा सकते हैं।ा, वहीं वाहन पोर्टल पर जुडऩे के बाद निजी सेंटर खुलने के साथ ही वाहन मालिक पूरे देश में कहीं भी वाहन की फिटनेस जांच करवा सकेंगे, लेकिन इसके उलट विभाग ने प्रदेश के किसी भी जिले में जांच के लिए मिलने वाली छूट को भी छीन लिया है।
ट्रांसपोर्टर्स और बस संचालक होंगे सबसे ज्यादा परेशान
सरकार की इस मनमानी का सबसे ज्यादा खामियाजा ट्रांसपोर्टर्स और बस संचालकों को उठाना पड़ेगा। प्रदेश के बड़े ट्रांसपोर्टर्स के वाहन प्रदेश के साथ ही पूरे देश में चलते हैं। इसी तरह बसें भी पूरे प्रदेश में चलती हैं। बड़े निर्माण प्रोजेक्ट में भी बड़ी संख्या में कमर्शियल वाहनों को जिलों के बाहर भेजा जाता है। ऐसी स्थिति में फिटनेस खत्म होने पर वाहन मालिक नजदीकी आरटीओ में जाकर फिटनेस करवा लेते थे, लेकिन अब उन्हें मजबूरन वाहन को इंदौर लाना होगा।
ज्यादा फीस भी वसूल रही कंपनी
‘अग्निबाण’ द्वारा इस बात का खुलासा पहले ही किया जा चुका है कि जिस कंपनी को शासन ने फिटनेस जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, वह विभाग की अपेक्षा 200 से 500 रुपए तक प्रति वाहन अतिरिक्त शुल्क भी वसूल रही है। इसे लेकर भी विभाग द्वारा कंपनी पर शुल्क मोटरव्हीकल एक्ट के अनुसार लिए जाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है।
कंपनी देश के किसी भी वाहन का कर सकती है फिटनेस
शासन द्वारा कंपनी को एक और जो बड़ा लाभ पहुंचाया है। वह यह कि जहां इंदौर के वाहन इंदौर के अलावा कहीं और फिटनेस जांच नहीं करवा सकते हैं, वहीं कंपनी देश के किसी भी जिले में रजिस्टर्ड वाहन का फिटनेस कर सकती है। इसे लेकर ट्रांसपोर्टर्स और बस संचालक काफी नाराज हैं।
इंदौर के वाहनों को कहीं और नहीं मिल रहा अपाइंटमेंट
इंदौर परिवहन कार्यालय द्वारा की जाने वाली कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जांच के अपाइंटमेंट को कल से बंद कर दिया गया है और अब वाहनों के लिए सिर्फ वेदांती फिटनेस सेंटर का विकल्प उपलब्ध है। वाहन मालिकों द्वारा यह भी शिकायत की जा रही है कि इंदौर के वाहनों को दूसरे जिलों में फिटनेस अपाइंटमेंट नहीं मिल रहा है। इस संबंध में मुख्यालय से चर्चा के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
– प्रदीप शर्मा,
आरटीओ, इंदौर
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