उज्जैन। पिछले करीब दो माह से आरटीओ का अमला केवल ऑटो चालकों के पीछे पड़ा हुआ है। यात्री बसों की फिटनेस जांच से लेकर शहरी सीमा में उनकी रफ्तार पर लगाम लगाने का कोई बड़ा अभियान इस साल नहीं चला है। कल शाम नानाखेड़ा क्षेत्र में यात्री बस में आग से बड़ा हादसा हो जाता। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रीय परिवहन विभाग का अमला पिछले लगभग दो महीने से शहर में चल रहे ऑटो की जाँच और उनमें मीटर लगवाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है। इसका असर भी नजर आने लगा है। शहर के करीब आधे ऑटो में नए मीटर भी लग चुके हैं और लगातार कार्रवाई को देखते हुए बाकी ऑटो चालक भी धीरे-धीरे नए मीटर लगवा रहे हैं। इस बीच यात्री बसों के फिटनेस और शहरी क्षेत्र में उनकी गति पर नियंत्रण करने के लिए कोई विशेष अभियान इस साल नहीं चलाया गया।
हालाँकि सप्ताहभर पहले एक दुर्घटना के बाद आरटीओ ने नानाखेड़ा से देवास गेट बस स्टैंड सवारी के लिए आ रही दो बसों को जब्त करने की कार्रवाई की थी। इसके विपरीत फिर से शहरी क्षेत्र में यात्री बसें नियमों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कल शाम 4.30 बजे के लगभग इंदौर से उज्जैन आ रही यात्री बस में नानाखेड़ा के समीप पहुँचने पर अचानक धुआँ उठने लगा था। मामला और गंभीर होता इससे पहले ही बस में सवार करीब 50 से अधिक यात्री जान बचाकर बस से निकलकर भागे। बाद में बताया गया कि यह घटना ऑयल का पाईप टूटकर सायलेंसर पर गिरने तथा इसके बाद अचानक धुआँ उठने लगा था। यह देख यात्री बस से भाग खड़े हुए थे। हालाँकि बाद में ड्रायवर ने पानी डाल दिया था और धुआँ शांत हो गया था। कुल मिलाकर आरटीओ को यात्री बसों के फिटनेस की जाँच के लिए भी लगातार अभियान चलाना चाहिए।
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