नई दिल्ली। डिफ़ॉल्ट की संभावना के सापेक्ष निवेश की व्यवहार्यता को रेट करने वाली विश्व की अग्रणी रेटिंगस एजेंसी में से एक फिच ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 फीसदी की बड़ी गिरावट का अनुमान लगाया है।
फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसम्बर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त और असमान रहेगी।
फिच ने कहा कि हमने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अपने पूर्वानुमान को संशोधित कर -10.5 फीसदी कर दिया है। जून में जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट के अनुमान को पांच फीसदी बढ़ाया गया है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है।
फिच रेटिंग एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है जो डिफ़ॉल्ट की संभावना के सापेक्ष निवेश की व्यवहार्यता को रेट करती है। फिच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में से एक है। मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स विश्व की शीर्ष दो अन्य एजेंसी है। (एजेंसी, हि.स.)
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