डेस्क: तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) में बांटे जाने वाले प्रसाद (Prasad) को बनाने में जानवरों की चर्बी (Animal Fat) और मछली के तेल (Fish Oil) के इस्तेमाल पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) ने एक बार फिर सोते हुए सनातन प्रेमियों को जागने का आह्वान किया है.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यदि धर्म विरोधियों के खिलाफ आज आवाज नहीं उठाई गई तो आने वाले समय में आप सबके घरों में मछली का तेल परोसने से कोई नहीं रोक पाएगा. उन्होंने कहा कि जिन हिंदुओं ने तिरुपति बालाजी का प्रसाद लिया है, वह 9 दिन का प्रायश्चित करें ताकि शुद्धिकरण की प्रक्रिया हो सके.
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यदि कल अपने घर में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पहुंचने से खुद को बचाना है तो रील चलाने और वीडियो बनाने से बाहर आना पड़ेगा. जब हम घर से बाहर निकल कर सनातन धर्म के खिलाफ चलाए जा रहे षड्यंत्र और प्रपंच का डटकर मुकाबला नहीं करेंगे तब तक हम धर्म विरोधियों के षड्यंत्र का शिकार होते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि आज देश धर्म विरोधियों और राष्ट्र विरोधी ताकतों से जूझ रहा है. हम सबको एकजुट होकर ऐसी को मुंहतोड़ जवाब देना है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ एक संयोजित षड्यंत्र चल रहा है. धर्म विरोधी ताकत से लोगों का धर्म भ्रष्ट करने में लगी है लेकिन ऐसी ताक़तों को हम सब मिलकर कामयाब नहीं होने देंगे. जिन लोगों ने तिरुपति का प्रसाद लिया है वह नौ दिनों तक प्रायश्चित करें तो बेहतर होगा ताकि उनका भाव पवित्र हो सके.
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