भोपाल। भोपाल संभाग अंतर्गत बंद पड़ी खदानों में मछली पालन किया जाएगा। इस संदर्भ में संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया है। संभागायुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई मत्स्य पालन विभाग की बैठक में संयुक्त आयुक्त अनिल द्धिवेदी सहित मत्स्य एवं खनिज विभाग के संभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त के कहा कि खदानों को चिन्हित कर मत्स्य पालन वर्गों के कल्याण के लिए उपयोग में लाएं। वर्षा के जल का शत-प्रतिशत उपयोग कर बंद पड़ी खदानों को भरकर मत्स्य उद्योग के विस्तार में उपयोग करें। आगामी 10 दिनों में कार्य को पूर्ण करें अन्यथा संबंधित जिला अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खदानों का होगा सर्वे
कियावत ने कहा कि बंद पड़ी खदानों का शीघ्र सर्वे कर मत्स्य विभाग को उपलब्ध करायें ताकि वह मछुआ विकास और हितग्राही को मत्स्य पालन के उपयोग के लिए दी जा सकें। उन्होंने कहा कि संभाग में ऐसी बंद पड़ी खदानों का सर्वे कराकर मत्स्य विभाग को सौंपे और मछुआ समिति को बंटन करें। बैठक में उन्होंने संभागीय मत्स्य अधिकारी शशिकला गोलाई को निर्देश दिए कि खदानों में बीज संचय कर मत्स्य पालक की गतिविधि शीघ्र प्रारंभ करें। सम्भाग के सभी जिलों में पूर्वनिर्मित और वर्तमान में बनी जल संरचनाओ का शत प्रतिशत जिओ टैगिंग करें।
वर्षा जल से भरे जाएंगे जलाशय
कियावत ने निर्देशित किया कि जिलों में निर्मित तालाब एवं उत्खनन उपरांत गड्डों को जल संरचनाओं के रूप में विकसित करें। जलाशयों को वर्षा के जल से भरने के लिए आसपास नालियों का निर्माण करें ताकि वर्षा के जल मत्स्य पालन के लिए संग्रह किया जा सके। उन्होंने कहा कि मत्स्य उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सभी जिलों में सार्थक प्रयास किए जाना सुनिश्चित करें। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि सभी जिलों के मत्स्य एवं खनिज अधिकारी संयुक्त भ्रमण कर बंद पड़ी खदानों का मौका मुआयना कर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में प्रगति लाएं ताकि मछुआ विकास और हितग्राहियों को लाभांवित किया जा सके।
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