नई दिल्ली। भारत सरकार (Government of India) का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) अगस्त, 2021 में 4.68 लाख करोड़ रुपये रहा। ये घाटा बजटीय अनुमान का 31.1 फीसदी है। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.3 फीसदी रहा था, जो कि फरवरी में पेश बजट के संशोधित अनुमान 9.5 फीसदी के मुकाबले कम रहा था। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के तहत कार्यरत सीएजी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि की तुलना में काफी बेहतर है। हालांकि, पिछले साल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए किये गए उपायों पर खर्च बढ़ने से इसी अवधि में यह बढ़कर 109.3 फीसदी तक पहुंच गया था।
सीजीए के मुताबिक निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा यानी व्यय एवं राजस्व में अंतर 4,68,009 करोड़ रुपये रहा। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 फीसदी यानी 15,06,812 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा है। आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार की कुल प्राप्ति चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक 8.08 लाख करोड़ रुपये रही, वित्त वर्ष 2021-22 में बजटीय अनुमान का 40.9 फीसदी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में कुल प्राप्ति बजटीय अनुमान का 16.8 फीसदी रही थी। सीएजी के मुताबिक कुल प्राप्ति में कर राजस्व 6.44 लाख करोड़ रुपये यानी बजटीय अनुमान का 41.7 फीसदी रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष में इस दौरान कर राजस्व केवल 17.4 फीसदी था। सीजीए ने कहा कि केंद्र का कुल व्यय अगस्त, 2021 तक 12.76 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजटीय अनुमान का 36.7 फीसदी है। (एजेंसी, हि.स.)
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