14 साल पहले एक करोड़ 37 लाख में खरीदी थी… घबराए खरीददारों ने दिया शपथ-पत्र
इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार (Devi Ahilya Shramik Kamgar) की चर्चित अयोध्यापुरी कालोनी (Ayodhyapuri Colony) के पीडि़तों को भी भूखंडों का कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया की जा रही है। वहीं सदस्यों की जमीनों के लूटेरों के खिलाफ कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने एफआईआर भी दर्ज करवाई है, जिसमें सिम्प्लेक्स मेगा फाइनेंस भी शामिल है, जिसमें सुरेन्द्र, प्रतीक संघवी (Pratik Sanghvi) के साथ दीपक मद्दे (Deepak Madda) व अन्य को आरोपी बनाया है। वहीं अयोध्यापुरी की 60 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन केएस सिटी ने भी 14 साल पहले खरीदी थी और इस जमीन का मूल्य 30 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। कल केएस सिटी की ओर से प्रशासन को सौंपा, जिसमें जमीन सरेंडर करने की बात कही गई है। यानी प्रशासन को अयोध्यापुरी के मामले में पहली महत्वपूर्ण जीत हासिल हो गई।
भूमाफियाओं ने तमाम गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों की अफरा-तफरी कर रखी है और सदस्यों के रजिस्ट्री वाले भूखंडों को ही बड़े-बड़े टुकड़ों में निजी फर्मों, रसूखदारों को बेच दिया है। अभी अयोध्यापुरी और पुष्प विहार के पीडि़तों को पहली खेप में न्याय दिलवाने की पहल कलेक्टर मनीष सिंह ने शुरू की है और उसमें अभी एक बड़ी सफलता भी मिली, जब केएस सिटी की जमीन की रजिस्ट्री जिस आशीष पिता रसनिधि गुप्ता, 301, सिल्वर आर्क प्लाजा, न्यू पलासिया के पक्ष में देवी अहिल्या की ओर से तत्कालीन अध्यक्ष रणवीरसिंह सुदन ने की थी, उसे सरेंडर करने का शपथ-पत्र दिया है। उल्लेखनीय है सुदन ने पंजीकृत विक्रय-पत्र 04.04.2007 के जरिए मेसर्स केएस सिटी प्रा.लि. को सर्वे नम्बर 386/1/2 की रकबा 0.595 हैक्टेयर जमीन बेची थी और उस वक्त विक्रय-पत्र में 1 करोड़ 47 लाख रुपए की राशि चेक और नकद के माध्यम से देना बताई गई। अभी आशीष गुप्ता ने दिए शपथ-पत्र में विक्रय-पत्र को सरेंडर माने जाने और कोई क्लेम नहीं करने की बात कही है। उसका कहना है कि हमारे द्वारा किसी सदस्य के साथ कोई धोखाधड़ी नहीं की गई और कम्पनी उक्त भूकि की सद्भाविक क्रेता रही है।
तरसते लोगों के लिए राहत का पैगाम भिजवाया शिवराज सरकार ने, अयोध्यापुरी में आज नल-बिजली कनेक्शन के लिए पहुंचेगी निगम की टीम
वर्षों से सैकड़ों सदस्यों की निराशा का कारण बनी अयोध्या कालोनी में अब आशा की दीप जलने लगे है। भूमाफियाओँ से जमीन मुक्ति अभियान के बाद प्रशासन द्वारा अयोध्यापुरी के सदस्यों को पहले तो सांकेतिक कब्जा दिलाया गया अब उन्हें नल एवं जल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन की टीम अयोध्यापुरी में पहुंचेगी। जहां सदस्यों के आवेदन लिए जाएंगे और उन्हें नल जल कनेक्शन की सुविधा दिलाई जाएगी।
अयोध्यापुरी के सदस्य वर्षों से अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसी दौरान अयोध्यापुरी की बेशकीमती जमीन भूमाफियाओं ने हड़प ली। अपनी समस्याओं के लेकर पिछले दिनों अयोध्यापुरी के सदस्य मुख्यमंत्री से मिले थे और मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए जहां भूमाफियाओं की धरपकड़ का अभियान शुरू किया वहीं सदस्यों को उनके हक दिलाने के भी प्रयास शुरू किए। इसी अभियान में पहली सफलता जहां संस्था की जमीन खरीदने वाली कंपनी केएस सिटी द्वारा जमीन सरेंडर कर की गई वहीं प्रशासन ने भी सदस्यों को उनके भूखंड पर सांकेतिक कब्जा दिलाए जाने के बाद नल बिजली कनेक्शन की संभावनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। प्रशासन के मुखिया मनीषसिंह के निर्देश पर आज निगम और विद्युत कंपनी की टीम नल और बिजली कनेक्शन के लिये पहुंचने वाली है। सभी सदस्यों से उनके आवेदन लिए जाएंगे। चूंकि अभी जमीन का लेंडयूज बदला नहीं गया है इसलिए प्रशासन द्वारा नए मास्टर प्लान में उक्त भूमि को आवासीय परिवर्तित कराने के साथ ही लोगों को उनके नल बिजली कनेक्शन की कार्रवाई की जाएगी।
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