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    पहले तेजस फिर सूरज चीते की मौत, अफ्रीकी एक्‍सपर्ट ने बताई मौत की वजह

  • July 16, 2023

    भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले (Shyopur District) में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया (South Africa and Namibia) से लाकर बसाए गए चीतों की मौत (Death of cheetahs) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में यहां एक और चीते की मौत हो गई। दक्षिण अफ्रीका से लाया गया नर चीता (Leopard) सूरज शुक्रवार सुबह कूनो के जंगल में मृत पाया गया। इसे 25 जून को कूनो के बड़े बाड़े से जंगल में छोड़ा गया था। कूनो में मार्च से अब तक बीते चार महीनों में कुल आठ चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि चार दिन में यहां दूसरे चीते ने दम तोड़ा है।

    जानकारी के लिए बता दें कि 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। यानी कुल 20 चीते लाए गए थे। इनमें से चार साल की मादा चीता साशा की 26 मार्च 2023 को किडनी इन्फेक्शन (kidney infection) से मौत हो गई थी। इसके बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई। इसके बाद नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च 2023 को चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई, लेकिन किन्‍ही कारणों के चलते अब तक 8 चीतों की मौत हो गई।



    मौत की वजह आई सामने
    चीता एक्सर्ट का कहना है कि दोनों नर चीतों की मौत सेप्टीसीमिया के कारण हुई है. दरअसल, सेप्टीसीमिया एक गंभीर ब्लड इंफेक्शन है और इससे खून में जहर बनने लगता है। दावा है कि चीतों की गर्दन में जो रेडियो कॉलर पहनाया गया है, उसके कारण गर्दन के आसपास नमी बने रहने के कारण ये चीते बैक्टीरिया की चपेट में आ गए।

    दक्षिण अफ्रीकी चीता मेटापॉपुलेशन विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने का कहना है कि अत्यधिक गीली स्थितियों के कारण रेडियो कॉलर संक्रमण पैदा कर रहे हैं। दोनों चीतों की मौत सेप्टिसीमिया से हुई है। चीतों की गर्दन के आसपास अन्य जानवरों द्वारा पहुंचाए गए घाव नहीं थे। वे डर्मेटाइटिस और मायियासिस के बाद सेप्टीसीमिया के मामले थे।

    हाल ही में प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने सूरज की मौत होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाये गये नर चीता सूरज मृत अवस्था में पाया गया। शुक्रवार को चीता निगरानी दल द्वारा सुबह 6.30 बजे पालपुर पूर्व परिक्षेत्र के मसावनी बीट में नर चीता ‘सूरज’ को सुस्त अवस्था में लेटा पाया गया। चीता के गले में मक्खी उड़ती देखी गई, पास जाने पर चीता उठकर दौड़ कर दूर चला गया। निगरानी दल ने चीता ‘सूरज’ की हालत की सूचना वायरलेस से तत्काल पालपुर स्थित कंट्रोल रूम को दी। वन्य-प्राणी चिकित्सक दल एवं क्षेत्रीय अधिकारी लगभग सुबह 9.00 बजे मौके पर पहुंचे। लोकेशन ट्रेस करने पर चीता सूरज मौके पर मृत अवस्था में मिला। प्रारंभिक जांच में मृत्यु का कारण चीता सूरज के गर्दन एवं पीठ पर घाव होना पाया गया। मृत्यु के कारण की विस्तृत रिपोर्ट वन्य-प्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा शव परीक्षण के बाद स्पष्ट होगी।

    सूरज की मौत की खबर मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इससे पहले इसी सप्ताह बीते मंगलवार को कूनो में नर चीता तेजस की मौत हो गई थी। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि वह आंतरिक रूप से कमजोर हो गया था। मादा चीता के साथ हिंसक लड़ाई के बाद उबर नहीं पाया था। जिससे उसकी जान गई थी।

    इधर, सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि हाल ही में तेजस और सूरज चीते के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें तेजस की गर्दन पर गहरा घाव हो गया था। इसके बाद बीते मंगलवार को उसकी मौत हो गई थी। वहीं इस संघर्ष में सूरज भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसका शुक्रवार को शव मिला। इसके अलावा अग्नि नाम का चीता भी घायल है, उसके पैर में फैक्चर है।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। यानी कुल 20 चीते लाए गए थे। इनमें से चार साल की मादा चीता साशा की 26 मार्च 2023 को किडनी इन्फेक्शन से मौत हो गई थी। इसके बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई। इसके बाद नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च 2023 को चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई।

    फिर, 23 अप्रैल 2023 को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई। शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह कार्डियक आर्टरी फेल होना बताया गया। इसके बाद 9 मई 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत हो गई थी। फिर, 23 मई 2023 को चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। फिर 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों ने भी दम तोड़ दिया था। इसके बाद अभीतीन दिन पहले 11 जुलाई को चीते तेजस की मौत हो गई। उसकी गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि चीतों के आपसी संघर्ष में तेजस की जान गई। अब सूरज भी मृत पाया गया है। इस तरह कूनो में बीते चार माह में तीन शावकों समेत आठ चीतों की मौत हो चुकी है। अब यहां 15 चीते और एक शावक रह गया है।

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