नई दिल्ली (New Delhi)। शाहदरा (Shahdara) के कृष्णा नगर में मां-बेटी की हत्या और लूट के मामले में पुलिस ने दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने ‘मिशन मालामाल (‘Mission Malamal’)’ के तहत हत्या की, जिसका मकसद अमीर बनना था। कई दिनों तक मां-बेटी की लाथ फ्लैट में पड़ी रही। पड़ोसियों को जब बदबू आई तब उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। फ्लैट के अंदर का नजारा देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों किशन (28) और उसके चचेरे भाई अंकित कुमार सिंह (25) को गिरफ्तार किया है। दोनों बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं। मुख्य आरोपी (main accused) किशन लक्ष्मी नगर में रह रहा था।
वकीलों से बात
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि डबल मर्डर से पहले कानूनी सलाह (Legal advice) लेने के लिए उन्होंने दो वकीलों से बात की थी। ऐसा शक है कि वे वेब सीरीज से प्रभावित थे, जहां से उन्होंने सीखा कि पुलिस कैसे काम करती है। हालांकि, फिलहाल कुछ भी ठोस नहीं कहा जा सकता क्योंकि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि अंकित गायक है और उसका एक म्यूजिक बैंड है। वह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक फिल्म के लिए गीत और संगीत तैयार कर रहा था।
शव मिलते ही भागा आरोपी
पुलिस ने बताया की किशन को जैसे ही पता चला कि मां-बेटी (mother-daughter) के शव मिल गए हैं वह घर से भाग गया। डीसीपी ने कहा कि कॉल डिटेल्स के रिकॉर्ड से पुष्टि हुई है कि 25 मई को मर्डर के बाद पीड़ितों और आरोपियों के मोबाइल फोन लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक ही टावर में थे। उन्होंने कहा कि जब आरोपियों को पता चला कि पुलिस उनका पीछा कर रही है तो उन्होंने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए। वे बिहार और फिर असम (Bihar and Assam) भागने की योजना बना रहे थे। मीणा ने बताया कि पुलिस को बीडी एस्टेट, तिमारपुर के पास अंकित कुमार सिंह की लोकेशन का पता चला और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया। किशन की मूवमेंट लखनऊ में ट्रेस हुई थी। बाद में वह दिल्ली आया और उसे कांटी नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह अदालत में आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रहा था।
धीरे-धीरे जीता मां का भरोसा
64 साल की राजरानी को अपनी बेटी गिन्नी के लिए कंप्यूटर टीचर की तलाश थी। किशन ने एक ऑनलाइन ट्यूयर सर्विस में खुद को रजिस्टर किया हुआ था। यहां से वह मृतका के संपर्क में आया। उसने धीरे-धीरे राजरानी का भरोसा जीतना शुरू किया। इतना ही नहीं फ्लैट शिफ्ट करने में भी उनकी मदद की। इस दौरान महिला ने ऑनलाइन पेमेंट की डिटेल्स उसके साथ शेयर की जिससे किशन को पता चला की उनके पास 50 लाख रुपए हैं। दौलत हासिल करने के लिए उसने दोनों का मर्डर करने की योजना बनाई। हत्या के बाद आरोपियों ने पैसे किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर करने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं पाए क्योंकि उनके खातों में नेट बैंकिंग या एटीएम की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
17 मई को बना मिशन मालामाल
पैसे ट्रांसफर ना होने पर आरोपियों ने 17 मई को व्हाट्सऐप पर मिशन मालामाल बनाया। मिशन को अमलीजामा पहनाने के लिए अंकित आसाम से दिल्ली आया था। हत्या से एक दिन पहले उन्होंने लक्ष्मी नगर से चाकू खरीदे और इलाके की रेकी की। इस दौरान राजरानी अपनी बेटी के लिए म्यूजिक का टीचर ढूंढ रही थी। किशन ने उन्हें अंकित से मिलवाया और वो उसे ट्यूटर रखने के लिए तैयार हो गई। इसके बाद किशन ने सिंह को मैसेज भेजकर लिखा मिशन मालामाल ऑन है।
पुलिस ने दो हजार किलोमीटर तक छापेमारी की
पुलिस ने आरोपी किशन को पकड़ने के लिए दो हजार किलोमीटर और पांच शहरों में छापेमारी की। आरोपी की लोकेशन दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, गोंडा और अयोध्या में मिल रही थी। वह बार-बार लोकेशन बदलने के साथ मोबाइल बंद रख रहा था। वहीं, किशन को जब पता चला कि उत्तर प्रदेश के शहरों में पुलिस उसके पीछे पड़ी है तो वह लखनऊ से कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए वापस दिल्ली आया और पुलिस ने उसे कांति नगर इलाके से दबोच लिया।
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