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    20 फरवरी को शिव योग में पड़ेगी पहली सोमवती अमावस्या

  • February 12, 2023

    • सोमवती अमावस्या पर नक्षत्र और ग्रहों का शुभ संयोग

    भोपाल। महाशिवरात्रि के बाद सोमवती अमावस्या का महासंयोग बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार 30 साल बाद कुंभ राशि के चंद्र, शनि और सूर्य की साक्षी में सोमवती अमावस्या आ रही है। इस दिन शिप्रा व सोमकुंड में स्नान तथा सोमतीर्थ स्थित सोमेश्वर महादेव के पूजन का विधान है। मान्यता है ऐसा करने से मनुष्य को अवश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
    हिन्दू सनातन मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। इस वर्ष तीन सोमवती अमावस्या पड़ेगी। वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को है। इस दिन विशेष शुभफलदायी शिव योग भी बन रहा है। इस दिन पूजा-पाठ, दान और तर्पण का विशेष फल मिलता है। सोमवती अमावस्या पर विवाहित स्त्रियां पति की लम्बी आयु की कामना के लिए व्रत रखेंगी। नर्मदा घाटों पर बड़ी संख्या मे श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाएंगे। दान-पुण्य, पितृ तर्पण और कालसर्प योग के निवारण के उपाय भी होंगे। स्नान के लिए उत्तम मुहूर्त 20 फरवरी को सुबह 06.57 मिनट से 08.21 मिनट तक रहेगा। 11.58 मिनट से 12.48 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस मुहूर्त में अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।



    ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र में वार तिथि योग नक्षत्र करण का अपना विशेष महत्व होता है। पंचांग की गणना के अनुसार देखें तो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या इस बार दृश्यम आवश्यक रूप में सामने आ रही है। संयोग यह है कि इस अमावस्या पर सोमवार का दिन धनिष्ठा नक्षत्र परिघ योग उपरांत शिवयोग, नाग करण तथा कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी रहेगी। शास्त्रीय मत के अनुसार देखें तो इस प्रकार के योग संयोग बड़े होते हैं, खासकर तब जब उनका गणितीय आंकलन ग्रहों के परिभ्रमण से जुड़ा हुआ हो। इस प्रकार के योग संयोग में धन की देवी लक्ष्मी की आराधना तथा पितरों के निमित्त तर्पण पिंडदान करने से अनुकूलता प्राप्त होती है।


    30 वर्ष बाद बना कुंभ राशि में चंद्र, शनि, सूर्य का संयोग
    ग्रह गोचर की मान्यता के अनुसार देखें तो शनि का एक राशि में परिवर्तन ढाई साल के बाद होता है पुन: इसी राशि में आने में तकरीबन 30 वर्ष का समय लगता है। इस दृष्टिकोण से शनि का कुंभ राशि में आना और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर सूर्य , चंद्र के साथ युति बनाना पितृ कर्म के दृष्टिकोण से विशेष माना गया है। यही साधना के लिए भी अनुकूल बताया गया है।

    तीन सोमवती अमावस्या
    ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष तीन अमावस्याओं पर सोमवार का दिन पड़ेगा। पहली सोमवती अमावस्या फाल्गुन में 20 फरवरी, दूसरी श्रावण मास में 17 जुलाई और तीसरी कार्तिक मास में 13 नवंबर को पड़ेगी।

    परिध व शिव योग होगा शुभ
    पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 19 फरवरी को शाम 4.18 बजे शुरू होकर अगले दिन दोपहर 12.35 बजे समाप्त होगी। पूजा का मुहूर्त सुबह 09.50 बजे से 11.15 बजे तक रहेगा। इस दिन भोलेनाथ की साधना, मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म आदि से घर में सुख-समृद्धि का वास होगा। इस दिन शुभफलदायी परिध व शिव योग भी बन रहे हैं। 20 फरवरी को सुबह 11.03 बजे तक परिध योग होगा। इसके बाद शिव योग शुरू होगा, जो 21 फरवरी की सुबह 06.57 बजे तक रहेगा।

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