• img-fluid

    पहला सवाल…मध्यप्रदेश में कांग्रेस आखिर इतनी बुरी तरह से क्यों हारी

  • June 30, 2024

    • कांग्रेस-चव्हाण की मास्टर क्लास, यूपीएससी के इंटरव्यू जैसा नजारा था भोपाल के कांग्रेस दफ्तर में

    इंदौर, अरविंद तिवारी। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव कांग्रेस की करारी हार के कारण पता करने आई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने पराजित उम्मीदवारों ने अपनी हार का सबसे बड़ा कारण प्रदेश में कांग्रेस का कमजोर संगठन बताया। इन लोगों ने दो टूक शब्दों में कहा संगठन को मजबूत किए बिना अच्छे नतीजों की अपेक्षा रखता बेमानी होगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की अगुवाई में आई इस कमेटी ने उम्मीदवारों से वन टू वन चर्चा की और हार के कारण जाने। प्रदेश कांग्रेस के जिस कक्ष में चव्हाण, ओडिशा के सांसद सप्तगिरि उल्का और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी उम्मीदवारों से रूबरू हुए, वहां यूपीएससी के इंटरव्यू कक्ष जैसा नजारा था। उम्मीदवारों ने खुलकर अपनी बात कही। किसी ने अपना पक्ष रखने के लिए 35 मिनट का समय दिया तो कोई 5 मिनट में बाहर निकल गया। कमेटी ने जिसे जितना समय चाहा, उसे उतना वक्त दिया। वह हर सवाल का जवाब नोट कर करते रहे और कई बार क्रॉस क्वेश्चयन भी किए।

    ज्यादातर उम्मीदवारों से चव्हाण का पहला सवाल यही था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की इतनी करारी हार क्यों हुई, इसके क्या कारण हैं, महिलाओं में मध्यप्रदेश में कांग्रेस को कम वोट क्यों दिए, आदिवासी क्षेत्रों में जितना समर्थन मिलना था, उतना क्यों नहीं मिला, केंद्रीय संगठन से जो आर्थिक मदद उम्मीदवारों के लिए भेजी गई थी, वह कितनी मिली, मध्यप्रदेश संगठन कितना मददगार रहा, बड़े नेताओं की क्या भूमिका रही, क्षेत्रीय नेताओं ने कितनी मदद की? चूंकि चव्हाण ने उम्मीदवारों से पहले ही कह दिया था कि खुलकर अपनी बात रखें, इसलिए उम्मीदवार बेखौफ होकर बोले। कम अंतर से हारने वाले ग्वालियर के प्रवीण पाठक, भिंड के फूलसिंह बरैया और मुरैना के नीटू सिकरवार ने कहा कि जिले के नेताओं ने हमें इसलिए निपटने में कोई कसर बाकी नहीं रखी कि जीतने की स्थिति में हम बड़े नेताओं की गिनती में आ जाते। सिकरवार ने कहा मेरे क्षेत्र में तो छिंदवाड़ा से ज्यादा तोडफ़ोड़ हुई? छह बार के विधायक रामनिवास रावत पार्टी छोडक़र चले गए, मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी में पार्टी को गुड बाय कह दिया और सुमावली से चुनाव लड़े अजब सिंह कुशवाह ने पार्टी छोड़ दी।


    मेरा टिकट भी नेताओं की आपसे किस स्थान बहुत देर से घोषित हुआ।प्रवीण पाठक बोले- मेरी उम्मीदवारी का फैसला लेने में पार्टी ने बहुत समय लगा दिया और ऐसा संकेत दिया कि निर्णय मन मसोसकर लिया गया? धार से हारे राधेश्याम मुवेल ने कहा कि जब मेरा चुनाव थोड़ा रिदम में आया तो पार्टी के ही लोगों ने यह माहौल बनाना शुरू कर दिया कि उम्मीदवार बदला जा रहा है। धार में भोजशाला का जो सर्वे शुरू हुआ, उसने भी मतों का ध्रुवीकरण किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या लाड़ली बहना योजना ने भी कांग्रेस का नुकसान किया तो उन्होंने कहा- यदि ऐसा होता तो अपने क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्र में मैं कैसे जीतता? उनका यह भी कहना था कि जिस ताकत से विधायक अपना चुनाव लड़े थे, यदि मेरे चुनाव में भी उतनी ही ताकत लगा देते तो राह आसान हो जाती? सरकारी नौकरी छोडक़र राजनीति में आए और खरगोन से चुनाव लड़े पोरलाल खरते से चव्हाण ने पूछा कि आदिवासी क्षेत्रों में हमें कम वोट क्यों मिले? खरते ने कहा आदिवासियों के लिए वन अधिकार कानून केंद्र में कांग्रेस सरकार लेकर आई थी लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार होने से क्रियान्वयन उसके हाथ में था। सुनियोजित तरीके से आदिवासियों को ज्वार माता की सौगंध दिलवाकर वोट का वादा लिया गया। संघ और उसके अनुषंगी संगठनों ने पिछले 5 साल में आदिवासियों के बीच बहुत काम किया। विधानसभा चुनाव में तो उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन लोकसभा चुनाव में वे अपने मकसद में सफल हो गए।

    Share:

    आज एडवांस टैक्स जमा करने का आखिरी दिन 15 करोड़ से ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद

    Sun Jun 30 , 2024
    इंदौर। नगर निगम के सभी झोनलों पर आज दिनभर छुट्टी के दिन केश काउंटर खुले रहेंगे। एडवांस टैक्स जमा करने का आज आखिरी दिन है और निगम को उम्मीद है कि 15 से 20 करोड़ की राशि मिल सकीत है। पिछले कई दिनों से पोर्टल की खराबी का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं और कई […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved