नई दिल्ली। कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से 64.55 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (64.55 tonnes of Liquid Medical Oxygen) (एलएमओ) लेकर पहली ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ (Oxygen Express) मंगलवार को दिल्ली Delhi पहुंच गई। अब सेना की निगरानी में (under the supervision of Army) ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाकर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों (individual hospitals in Delhi) तक ऑक्सीजन (Oxygen) को पहुंचाया जाएगा।
यह ट्रेन रविवार को रायगढ़ जिले में स्थित जिंदल इस्पात संयंत्र से चार टैंकरों में एलएमओ भरकर चली थी। प्रत्येक टैंकर की क्षमता 16 टन है। भारतीय रेलवे की ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे राज्यों के लिए देवदूत बनी हुई है। रेलवे प्रतिदिन औसतन 150 टन ऑक्सीजन राज्यों को पहुंचा रहा है। रेलवे अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सुरक्षित आपूर्ति कर चुहा है।
दिल्ली कैंट स्टेशन पर पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस पर लदे चार टैंकरों में कुल 64.55 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) है। रेलवे अपनी रो-रो सेवा (रोल-ऑन-रोल-ऑफ) का इस्तेमाल कर रायगढ़ से टैंकरों में एलएमओ लेकर पहुंचा है। इस रो-रो सेवा में माल और जरूरी सामान की आवाजाही बिना रुकावट के होती है। ट्रकों को सड़क मार्ग पर शहरों के बीज ट्रैफिक की भीड़ और सिग्नल आदि समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
रेलवे ने ऑक्सीजन लेने के लिए टैंकर तैयार रखने के लिए दिल्ली सरकार को पहले ही सतर्क कर दिया था। उत्तर रेलवे ने इस काम के लिए असिस्टेंट डिवीजनल मैनेजर को नोडल अधिकारी नामित किया है। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने अंगुल, कलिंगनगर, राउरकेला और रायगढ़ से दिल्ली में ऑक्सीजन आपूर्ति की योजना बनाई है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना मरीजों को अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन जैसी कमी से जूझना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 20 हजार 201 कोरोना के नए मामले सामने आए और 380 लोगों की मौत हुई।
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