img-fluid

सबसे पहले ब्रह्माजी के वंशजों ने किया था पिंडदान

September 20, 2021

  • गया की पवित्र भूमि पर आए बिना मोक्ष नहीं मिलता, घर-परिवार में तर्पण अनुष्ठान होंगे, पूर्वजों को याद करेंगे

गया (Gaya) में पिंडदान (Pind Daan) की शुरुआत ब्रह्माजी (Brahmaji) के वंशजों ने की थी। बह्माजी के सात पुत्रों ने सबसे पहले गया की पुण्य भूमि में ही पिंडदान किया था, जो आज भी जारी है। बिहार (Bihar) का गया पूर्वजों की मुक्ति का मुख्य द्वार है। हिन्दू वेदशास्त्रों (Hindu Vedas) और पुराणों (Puranas) के मुताबिक, गया में काल का नियम नहीं चलता। ये धरती है ज्ञान की, अर्पण की और तर्पण की। यहां आकर लोग अपने पुरखों को याद करते हैं। आज जब परिवार बिखर रहे हैं, रिश्ते टूट रहे हैं, तो इस दौर में गया में हर साल अपने पितरों को याद करने के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। वे अपने संतान होने का दायित्व निभाते हैं। कहते हैं मगध की इस पवित्र भूमि पर आए बिना मोक्ष नहीं मिल सकता।

पितृ पूजन (Pitru Puja) आज से शुरू हो रहा है। एक पक्ष तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान अपने दिवंगत पुरखों को याद कर पूरे विधि-विधान के साथ तर्पण किया जाएगा। इस वर्ष श्राद्ध पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या के दिन 6 अक्टूबर को होगा। आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से आश्विन अमावस्या तक का पक्ष पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है। इस अवधि में पितरों को श्रद्धा अर्पित की जाती है। वर्ष के किसी भी माह के किसी भी पक्ष की जिस तिथि में उन्होंने अपना शरीर त्यागा, आश्विन कृष्ण पक्ष की उसी तिथि को उनका श्राद्ध करके उनके प्रति श्रद्धा निवेदित की जाती है। इस कालखंड में श्राद्धकर्ता को तर्पण एवं ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन आरंभ से तर्पण की तिथि तक करना होता है। जिन्हें अपने माता-पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं रहती, वे अपनी माता के लिए अष्टमी एवं नवमी तथा पिता के लिए अमावस्या को श्राद्ध कर्म करते हैं। जिनका देहांत भाद्रपद पूर्णिमा को हुआ रहता है, उनके लिए भाद्र्रपद की पूर्णिमा को ही यह कृत्य किया जाता है। हर माह की अमावस्या तिथि (Amavasya, Blessings) पितरों की तिथि मानी जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोजन, दान आदि से पूर्वज तृप्त होते हैं तथा दीर्घायु, आरोग्य, संतान वृद्धि का आशीर्वाद देते है।


Share:

खजराना गणेश मंदिर में सात लाख भक्तों ने किए दर्शन

Mon Sep 20 , 2021
10 दिन ही गणेशोत्सव के दौरान अनंत चतुर्दशी पर सबसे 3 लाख से अधिक भक्तों की जुटी भीड़ इंदौर।  10 दिनी गणेशोत्सव पर्व के दौरान खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh Temple) में 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंदिर प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines) का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को गजानन के […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved