हैदराबाद । कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court)की धारवाड़ बेंच(Dharwad Bench) ने तलाक के एक मामले में दंपती (The couple in the case)को अध्यात्मिक गुरु गावि सिद्धेश्वर स्वामी (Spiritual Guru Gavi Siddheshwar Swami)से मिलकर विवाद को खत्म करने की सलाह दी है। गावि सिद्धेश्वर स्वामी गावि मठ के पीठाधीश हैं। जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित ने उनकी तुलना स्वामी विवेकानंद से करते हुए कहा कि विवाद सुलझाने के लिए उनकी सहायता ली जा सकती है। पति-पत्नी ने पहले मनोवैज्ञानिकों से भी संपर्क किया था। जस्टिस दीक्षित ने कहा कि किसी भी शादी में दिक्कतें आम बात हैं।
बुधवार को सुनवाई के दौरान जज ने कहा, छोटी-मोटी बातों को लेकर पति-पत्नी का अलग हो जाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, कोई भी सड़क सीधी नहीं होती है। किसी भी रास्ते में मोड़ तो आएंगे ही। हमें उनका ध्यान रखना होता है और सावधानी से आगे बढ़ना होता है। इसी तरह परिवार भी है। यहां लोगों के बीच असहमति और मतभेद होते ही हैं। लेकिन सबको साथ लेकर चलना ही बुद्धिमानी है।
कोर्ट की सलाह पर पति ने कहा कि वह सिद्धलिंगेश्वर स्वामी से मिलने वाले हैं। वहीं पत्नी ने कहा कि वह गविसिद्धेश्वर स्मावी से मिलने का मन बना रही हैं। वहीं जस्टिस दीक्षित ने कहा कि इस मामले में श्री गविसिद्धेश्वर स्वामी ठीक रहेंगै। उन्होंने कहा कि रविवार को दोनों कोप्पल में उनसे मुलाकात कर लें। रिपोर्ट के मुताबिक स्वामीजी के सहयोगी शरानु शेट्टार ने कहा कि मठ को कोर्ट के निर्देश के बारे में जानकारी है।
बता दें कि आपसी सहमति से तलाक के लिए हिंदू मैरिज ऐक्ट की धारा 13बी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा विवाद को सुलझाने के लिए छह महीने का समय भी दिया जाता है। एक साल से ज्यादा वक्त से अलग पति-पत्नी अलग रहे हैं तो तलाक याचिका दायर की जा सकती है।
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