इंदौर। मप्र भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) में पहली लोक अदालत 12 दिसंबर को सुबह 11 बजे से आयोजित की जा रही है। लोक अदालत से पहले आवेदकों के अधिवक्ताओं तथा सीए से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा भी की जाएगी। प्रभारी रेरा अध्यक्ष व सदस्य न्यायिक दिनेशकुमार नायक के मुताबिक लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के लिए 3 खंडपीठों की स्थापना की गई है।
खंडपीठ-1 के अध्यक्ष तकनीकी सदस्य अनिरुद्ध डी. कपाले बनाए गए हैं। विधिक सलाहकार आरके जोशी सदस्य होंगे। खंडपीठ-2 के अध्यक्ष न्याय निर्णायक अधिकारी वीके दुबे व अधिवक्ता जूही रघुवंशी सदस्य होंगी। खंडपीठ-3 के निष्पादन अधिकारी डीएन शुक्ला व सदस्य जेएम चतुर्वेदी को बनाया है। वसूली अधिकारी सूर्यकांत शर्मा के साथ सहयोगी कर्मचारी भी रहेंगे। खंडपीठ-1 प्राधिकरण के प्रथम मंजिल सुनवाई कक्ष में स्थापित की जाएगी।
ये मामले सुने जाएंगे
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयीन लंबित दिवानी व आपराधिक शमनीय मामले, बैंक, बिजली, श्रम, जलकर, संपित्तकर आदि के अलावा प्री-लिटिगेशन मामलों सहित अन्य तरह के प्रकरण निराकरण के लिए रखे जाएंगे। दोनों पक्षों को समाधान के जरिए बीच का रास्ता निकालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस तरह समाधान होने पर विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा।
इस तरह मिलेगी छूट
विद्युत अधिनियम के लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, पांच किलोवॉट भार तक के गैरघरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 फीसदी व आकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारित आदेश तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात 16 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 फीसदी छूट दी जाएगी। प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 फीसदी व आकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारित आदेश तिथि के 30 दिनों की अवधि समाप्ति पश्चात 16 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपित्तकर व जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में बकाया राशि अनुसार अधिभार में 25 से 100 फीसदी तक की छूट शर्तों के अधीन घोषित की गई है। नगर पालिका व बैंक आदि द्वारा लोक अदालत के लिए घोषित छूट का प्रावधान 12 दिसंबर 2020 के बाद समाप्त हो जाएगा।
परिवार न्यायालयों में भी लगेगी नेशनल लोक अदालत
जिला और हाईकोर्ट के साथ ही परिवार न्यायालय में भी 12 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन होने जा रहा है। इसके पहले आयोजित लोक अदालतों में कोविड की वजह से अपेक्षित संख्या में मुकदमों का निपटारा नहीं हो सका था। पक्षकारों के साथ-साथ अभिभाषकगण और संघ के पदाधिकारियों से सतत चर्चा चल रही है।
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