भोपाल। भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) में 22 जनवरी को किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) किया गया था। रीवा के 32 वर्षीय मरीज को किडनी प्रत्यारोपित की गई। मरीज को उसके 59 वर्षीय पिता ने अपनी किडनी दी। पीड़ित मरीज तीन साल से किडनी खराब होने की वजह से परेशानी का सामना कर रहा था। एम्स प्रबंधन की तरफ से जानकारी दी गई कि रिसिवर और डोनर दोनों स्वस्थ है। एम्स के डायरेक्टर अजय प्रताप ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले मरीज की स्थिति बहुत क्रिटिकल थी।
ट्रांसप्लांट के बाद मरीज डॉक्टरों ने 10 दिन तक निगरानी की और एंटी रिजेक्शन दवा भी दी गई। जिससे शरीर किडनी को अस्वीकार न करें। बेहतर रिकवरी को देखते हुए मरीज को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि भोपाल का हमीदिया अस्पताल के बाद एम्स किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला दूसरा सरकारी अस्पताल (second government hospital) बन गया है। डायरेक्टर ने कहा कि किडनी की बीमारी से जूझ रहे कुछ बच्चों को चिन्हित किया है। अब उनका ऑपरेशन हमारा मिशन है। यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत किया गया है। इससे मरीज पर कोई आर्थिक बोझ में नहीं आया है।
इन डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन
एम्स के डॉ. महेंद्र अटलानी के मार्गदर्शन में डॉ. डी कौशल, डॉ. एम कुमार, डॉ. के मेहरा, डॉ. एस तेपाल, डॉ. एस. जैन और डॉ. सौरभ की टीम ने किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी की।
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