हरिद्वार: बहादराबाद थाना क्षेत्र में एक लैब मालिक की हत्या से शहर में सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने हत्या के 12 घंटों के अंदर मामले का खुलासा भी कर दिया. यह खुलासा चौंकाने वाला रहा. पुलिस के अनुसार, लैब मालिक की हत्या की साजिश, उसी की लैब में काम करने वाले दो कर्मचारियों ने रची थी. शराब और बिरयानी के चक्कर में दोनों पकड़े गए.
पुलिस ने बताया कि मृतक कार्तिक मां-बाप की इकलौती संतान था. रुपये के लालच में कार्तिक का पहले अपहरण किया गया, फिर उसकी हत्या कर दी गई. उसके बाद फिरौती मांगी गई. यह साजिश उसी की लैब में काम करने वाले दो कर्मचारियों ने रची थी. ये दोनों आरोपी शहादत अली और निपेंद्र कुमार उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले हैं. पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया है.
हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बीते 12 जनवरी को बहादराबाद थाने में कार्तिक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. इसके बाद पुलिस कार्तिक को ढूंढने में जुट गई. कार्तिक के मोबाइल नंबर से उसकी मां अंगूरी को कार्तिक की सलामती के लिए 75 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी. साथ ही पुलिस को इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने कार्तिक की मां के आधार पर गुमशुदगी के मामले को अपहरण की धाराओं में बदल दिया. मामले के जल्द खुलासे के लिए एक टीम भी गठित कर दी गई.
जांच के दौरान पुलिस को एक अहम जानकारी मिली कि कार्तिक द्वारा 13 जनवरी को तीन बार पैसे का लेनदेन किया गया था. पता चला कि ये तीनों लेनदेन शराब के ठेके, बिरयानी सेंटर और एक अन्य फर्म पर किया गया था. पुलिस ने इन सभी जगहों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज को खंगाला, जिसमें लाल जैकेट पहने हुए एक व्यक्ति पर पुलिस की नजर पड़ी. वह व्यक्ति स्कूटी से आया था, जिसने बारकोड से कुछ पैसे ट्रांसफर किए थे. लाल जैकेट वाले व्यक्ति की पहचान लैब में सैंपल लेने वाले निपेंद्र कुमार के रूप में हुई.
पुलिस ने जब निपेंद्र को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने पूरे मामले से पर्दा हटा दिया. पूछताछ में निपेंद्र ने दूसरे आरोपी शहादत अली के साथ कार्तिक की हत्या करने की बात कुबूल कर ली. दोनों ने कार्तिक को जान से मारकर उसकी लाश को शहादत के किराए वाले कमरे में छिपा रखा था. पुलिस ने उनकी निशानदेही पर शव को बरामद कर लिया.
पुलिस के अनुसार, मृतक कार्तिक की लैब में दोनों आरोपी काम कर रहे थे. आरोपी शहादत अली पिछले आठ महीने से सैंपलिंग का काम करता था, जबकि आरोपी निपेंद्र कुमार ने तीन महीने पहले ही लैब में काम शुरू किया था. आरोपियों को जानकारी थी कि कार्तिक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है. उनके मकान की कीमत लगभग 70 से 80 लाख रुपये तक है. दोनों आरोपी मृतक कार्तिक के शरीर को नाले में बहाने की फिराक में थे. उन्होंने फिरौती का पैसा लेकर यहां से चंपत होने की योजना भी बनाई थी. आरोपियों ने कार्तिक के मोबाइल से ही शराब के ठेके, बिरयानी सेंटर और एक अन्य जगह पर पैसों का लेनदेन किया था. इसी अहम कड़ी की वजह से पुलिस उन तक पहुंचने में कामयाब रही.
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