नई दिल्ली: यूपी सहित देश के तमाम हिस्सों में हो रही भारी बारिश खरीफ की फसलों को तबाह कर रही है. अक्तूबर के महीने में होने वाली इस बारिश का असर चावल, सोयाबीन, कपास, दाल और सब्जियों की उपज पर पड़ेगा. किसानों, व्यापारियों और उद्योग जगत का कहना है कि फसल खराब होने से महंगाई एक बार फिर बढ़ने की आशंका है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने किसानों और व्यापारियों के हवाले से बताया कि अगर फसल बर्बाद होती है और उपज में कमी आई तो सरकार को खाद्य उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध और बढ़ाना पड़ सकता है. चावल, गेहूं और चीनी जैसे उत्पादों के निर्यात पर सरकार ने फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही महंगाई को बढ़ता देख रिजर्व बैंक भी आगे अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. यूपी के बाराबंकी जिले के 36 वर्षीय किसान नरेंद्र शुक्ला का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से बहुत ज्यादा पानी बरस गया है, जिससे धान की फसल खराब होने लगी है.
ज्यादातर जगहों पर धान की फसल गिर गई है, जो पूरी तरह खराब हो सकती है. देश के दूसरे सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्य यूपी में अक्तूबर महीने में अब तक औसत से 500 फीसदी यानी पांच गुना ज्यादा बारिश हो चुकी है. इसके अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान में भी भारी बारिश की वजह से फसलें खराब हो चुकी हैं. इससे पहले जून-जुलाई में फसल बोने के समय बारिश कम होने से भी उत्पादन पर असर पड़ा.
दक्षिण में कम रही बारिश
भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में इस सप्ताह भारी बारिश की आशंका है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र में औसत बारिश ही रहेगी. देश के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में पहले मानसून की कम बारिश और अब ज्यादा पानी की वजह से चावल जैसी फसलें बर्बाद हो रही हैं. यूपी में भारी बारिश की वजह से धान की फसलों पर खास असर पड़ा है.
बढ़ेंगी अनाज की कीमतें
मुंबई स्थित ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म के डीलर का कहना है कि खाद्य उत्पादों की कीमतें पहले से ही बढ़ रही हैं और फसलों के बर्बाद होने के बाद इसके भाव और चढ़ जाएंगे. रिजर्व बैंक पर पहले ही महंगाई कम करने का दबाव है और पैदावार घटने के बाद निर्यात पर भी दोबारा प्रतिबंध और बढ़ाया जा सकता है. अभी तक रिजर्व बैंक महंगाई को थामने के लिए रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि कर चुका है. अगर आगे भी ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी तो विकास दर में भी गिरावट आने की पूरी आशंका रहेगी.
चावल उत्पादन 6 फीसदी घटने का अनुमान
कृषि मंत्रालय ने पिछले दिनों आंकड़े जारी कर बताया था कि देश में इस बार चावल का उत्पादन 6 फीसदी घटकर 10.49 करोड़ टन रहेगा, जबकि कुल फसल का उत्पादन 14.92 करोड़ टन रहने का अनुमान है. ये आंकड़े इस साल मानसून की कम बारिश की वजह से लगाए गए, जबकि अब कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश से फसलों के और खराब होने की स्थिति बन आई है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार फसलों के उत्पादन में गिरावट पूर्व के 6 फीसदी के अनुमान से कहीं ज्यादा रहेगी.
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