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    First Death: मंकीपॉक्स से नहीं हुई थी केरल के युवक की मौत, जानिए असल वजह

  • August 05, 2022

    नई दिल्ली। केरल (Kerala) में मंकीपॉक्स (Monkeypox First Death) से युवक की मौत की समीक्षा में खुलासा हुआ है कि रोगी में संक्रमण का कोई लक्षण (no signs of infection) नहीं था। बल्कि एक दुर्लभ जटिलता (rare complication) के चलते उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा और दो दिन में ही उसकी मौत हो गई। देश में मंकीपॉक्स से इसे पहली मौत माना गया है।

    डॉक्टरों ने इस जटिलता को इन्सेफलाइटिस यानी मस्तिष्क ज्वर बताया है, जो सभी मंकीपॉक्स रोगियों में नहीं होता। लेकिन दुनिया में कुछ मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें मंकीपॉक्स के बाद रोगी को इन्सेफलाइटिस हुआ और फिर उसकी मौत हो गई। स्पेन में अब तक दो मौतें हुई हैं और दोनों मामले ऐसे ही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization (WHO)) ने भी माना है, अलग-अलग देशों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं है।


    डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना नाक या मुंह के जरिये गले से होकर फेफड़ों तक पहुंचता है। मंकीपॉक्स दिमाग की ओर भागता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में रोगी की त्वचा तक ही सीमित रहता है।

    1000 मरीज में एक में होती है ऐसी स्थिति
    केरल की स्वास्थ्य निदेशक डॉ. प्रथा पीपी ने कहा, इन्सेफलाइटिस मंकीपॉक्स संक्रमण की ऐसी जटिलता है, जिसमें वायरस मरीज के मस्तिष्क तक पहुंचता है। मंकीपॉक्स मरीजों में यह दुर्लभ स्थिति है। इसे लक्षण नहीं मान सकते। हर मरीज में यह परेशानी नहीं होती।

    अनुमान के मुताबिक, 1000 में से किसी एक मंकीपॉक्स संक्रमित में इन्सेफलाइटिस की आशंका होती है। उन्होंने कहा, यह दुर्योग ही है कि देश के नौ मामलों में से एक ऐसी जटिलता के साथ मिला, लेकिन कुछ और अधिक समझने से पहले उसकी मौत हो गई।

    पुराने दिशा-निर्देशों में फिलहाल बदलाव नहीं
    मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर पुराने दिशा-निर्देशों में फिलहाल बदलाव नहीं किया जाएगा। बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की आंतरिक परिचालन टीम की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में मंकीपॉक्स वायरस की वैश्विक स्थिति को लेकर चर्चा की गई। साथ ही यह भी पता चला कि वायरस के स्ट्रैन में परिवर्तन नहीं आया है।

    ऐसे में संक्रमण के कारण, बचाव और लक्षण इत्यादि में भी कोई बदलाव नहीं है। बैठक में यह भी तय हुआ कि संक्रमण की अवधि छह से 13 दिन के बीच है जो अभी भी बरकरार है। इसलिए क्वारंटीन और उपचार अवधि को लेकर बदलाव नहीं किया जाएगा।

    बेल्जियम में भी ऐसे रोगियों की पहचान
    बेल्जियम के अस्पतालों के साझा अध्ययन में पाया गया कि तीन मरीज बिना किसी विशिष्ट या असामान्य लक्षण के मंकीपॉक्स से संक्रमित थे। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित हुआ है। एक से 31 मई के बीच 224 संदिग्ध व संक्रमित रोगियों पर यह अध्ययन हुआ था। इससे पता चलता कि मंकीपॉक्स के सभी मरीजों में बीमारी के लक्षण मिले, यह जरूरी नहीं है।

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