उज्जैन। भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आज श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो गया। पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने का यह सिलसिला सर्वपितृ अमावस्या तक 16 दिन चलेगा। श्राद्ध पक्ष के पहले ही दिन आज सुबह से गया कोठा तीर्थ पर पितृकर्म कराने आए लोगों की लंबी कतार नजर आई। सिद्धवट पर भी बड़ी संख्या में लोग दूध चढ़ाकर पूजन अर्चन करने पहुंचे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि आज भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आज श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो गया है। इस बार संपूर्ण 16 दिन श्राद्ध पक्ष के रहेंगे। यह पर्व आज से सर्वार्धसिद्धि एवं एक अमृत गुरु पुष्य योग में आरंभ हुआ है। श्राद्ध पक्ष में विशेष प्रकार के संयोग बनने से इस पर्व की महत्वता बड़ गई है। मान्यता है कि स्कंद पुराण के अवंती खंड में श्राद्ध पक्ष में गया कोठा तीर्थ का विशेष महत्व बताया गया है। जबकि पितृ कर्म के लिए सिद्धवट घाट और रामघाट का भी महत्व है। सिद्धवट पर प्रेतशिला तीर्थ व शक्तिभेद तीर्थ की मान्यता है। यहां सिद्ध वटवृक्ष की मौजूदगी भी है। इसी तरह शास्त्रों में रामघाट को पिशाच मोचन तीर्थ के रूप में वर्णित किया गया है।
यही कारण है कि आज सुबह से बड़ी संख्या में स्थानीय तथा बाहर से आए लोग अंकपात मार्ग स्थित गया कोठा तीर्थ पहुंच रहे हैं। आज सुबह 6 बजे से यहां मंदिर के बाहर लोगों की लंबी कतारें लग गई थी। प्राचीन महत्व के गया कोठा तीर्थ कुंड में भी लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध तर्पण करते नजर आए। विकास कार्यों के चलते तीर्थ पर प्राचीन कुंड के चारों ओर घाट बन गए है, लेकिन आसपास अधूरे निर्माण के कारण लोगों को वहां तक पहुंचने में परेशानी आई। हर वर्ष देश-विदेश से भी आते हैं उज्जैन में श्राद्ध पक्ष करने के लिए और भारी भीड़ रहती है। आज पहले ही दिन भीड़ ने दिखा दिया है कि अब उज्जैन में श्राद्ध पक्ष में चिन्हित स्थानों पर भारी भीड़ रहेगी। इस दौरान पुलिस भी लगी रही तथा अधिकारी भी स्थिति देखते रहे।
नए सभा मंडप में हो रहा पूजन अर्चन
तीर्थ कुंड के एक ओर पितृों के श्राद्ध तर्पण के लिए नया सभा मंडप बनाया गया है। आज सुबह से तीर्थ पुरोहित यहां अपने यजमानों को कतारबद्ध बिठाकर श्राद्ध तर्पण और पूजन करवा रहे हैं। हालांकि दो साल से गया कोठा तीर्थ पर हाउसिंग बोर्ड विकास कार्य करा रहा है, लेकिन काम की धीमी गति की वजह से यह कार्य लगभग एक साल पिछड़ गया है। इस कारण लोगों को थोड़ी परेशानी भी हो रही हैं।
सिद्धवट और रामघाट पर कोरोना का पालन नहीं
श्राद्ध पक्ष शुरू होते ही आज सुबह से बड़ी संख्या में लोग दूध चढ़ाने तथा पूजन अर्चन करने के लिए सिद्धवट पहुंच रहे हैं। यहां भी पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार सुबह से लग गई थी। श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में लगे पात्र के जरिए दूध चढ़ाने का अवसर दिया मिल रहा था। इसी तरह रामघाट पर भी आज सुबह से तीर्थ पुरोहित यजमानों को घाटों पर श्राद्ध तर्पण करवाते नजर आए। हालांकि पुलिस प्रशासन ने श्राद्ध पूजन के वक्त अधिकतम 6 लोगों को बैठने की अनुमति जारी की है। इसका पालन भी हो रहा था। परंतु कतारों में सोशल डिस्टेंस नजर नहीं आ रही थी। यहाँ पर कोरोनापालन नहीं हुआ।
सप्तऋषि और विष्णु का पूजन
गया कोठा तीर्थ पर कतार में लगे लोगों को छोटे-छोटे समूहों में प्रवेश दिया जा रहा था। मंदिर में सप्तऋषि और भगवान विष्णु के 16 चरणों का लोग सुबह से पूजन अर्चन कर रहे है। श्राद्ध पक्ष में यहां श्राद्ध कर्म कराने और सप्तऋषि तथा विष्णु चरणों का पूजन अर्चन करने से पितृों को शांति मिलती है। इस दौरान कई लोग उपस्थित रहे।
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