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    महू में स्थापित होगा ट्रेनों का पहला आटोमैटिक वॉशिंग प्लांट

  • September 08, 2023

    2.17 करोड़ रुपए के सिस्टम के लिए रतलाम रेल मंडल ने शुरू की एजेंसी की तलाश
    इंदौर। महू (डॉ. आंबेडकर नगर) में रतलाम रेल मंडल (Ratlam Railway Division) के पहले आटोमैटिक वॉशिंग प्लांट (automatic washing plant) की स्थापना के लिए मंडल ने कांट्रेक्टर एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है। अनुमान है कि पूरा सिस्टम लगाने में 2.17 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। जो कंपनी ठेका लेगी, उसे छह महीने में प्लांट स्थापित करना होगा।


    वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (water treatment plant) से पिट पर उपयोग किए गए पानी को उपचारित कर फिर उपयोग में लाया जा सकेगा। रतलाम रेल मंडल के अधीन आने वाले शहरों में इंदौर और महू को छोडक़र बाकी किसी भी शहर में पिट लाइन नहीं है, क्योंकि सर्वाधिक ओरिजनेटिंग और टर्मिनेटिंग ट्रेनें इन दोनों शहरों से ही चलती हैं। कुछ साल पहले तक इंदौर अकेला ऐसा शहर था, जहां पिट लाइन है। पिट पर ही यात्री ट्रेनों का रखरखाव, साफ-सफाई और धुलाई होती है। बाद में जब इंदौर में ट्रेनों का दबाव बढ़ा तो कई ट्रेनों को महू तक बढ़ाकर वहां भी पिट लाइन की सुविधा शुरू कर दी गई। फिलहाल वहां तीन पिट लाइन हैं, जिनमें से दो कार्यरत हैं और एक नई पिट का उपयोगी अभी रेल लाइन से कनेक्शन नहीं होने के कारण शुरू नहीं हो पाया है। मंडल ने नया सिस्टम स्थापित करने के लिए जो टेंडर बुलाए हैं, वे 4 अक्टूबर को खोले जाएंगे। जिस एजेंसी को प्लांट आपूर्ति और स्थापना का ठेका मिलेगा, उसे दो साल तक तमाम मशीनों का रखरखाव वारंटी के साथ करना होगा।
    यह अंतर है सामान्य और आटोमेटिक पिट लाइन में

    – सामान्य पिट लाइन में ट्रेनों की बाहरी साफ-सफाई कर्मचारी लगाकर कराना पड़ती है। इससे समय और धन दोनों ज्यादा लगता है। आटोमैटिक वॉशिंग प्लांट में ट्रेन के पिट पर दाखिल होते समय ही मशीनीकृत बड़े ब्रश से कोचों के बाहरी हिस्से की सफाई कर दी जाती है।

    – आटोमैटिक सिस्टम से न सिर्फ समय और धन की काफी बचत होती है, बल्कि पानी भी बचता है।

    – रेलवे को पिट लाइन पर कर्मियों से सफाई कराने का काम ठेका देकर निजी एजेंसियों से कराना पड़ता है। कई बार कर्मी लापरवाही करते हैं और सफाई ढंग से नहीं करते हैं। इससे ट्रेनों के कोच बाहर से गंदे दिखाई देने लगते हैं। आटोमैटिक मशीन के ब्रश ट्रेन के हर कोच को दाएं और बाएं हिस्से से एक समान रूप से साफ करते हैं।
    – आटोमैटिक मशीन में तेज प्रेशर से पानी कोच के बाहरी हिस्से में डाला जाता है और उसमें साबुन भी मिला होता है, जिससे सफाई का स्तर ज्यादा अच्छा होता है।

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