ठाणे: हमारे देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कानून बने हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो कानून का गलत फायदा भी उठाते हैं. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के ठाणे से सामने आया है. यहां पहले तो एक नाबालिग लड़की ने थाने में 31 साल के युवक पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया. लेकिन जब कोर्ट में पेशी हुई तो नाबालिग अपने बयान से मुकर गई. जिस कारण युवक को बाइज्जत रिहा कर दिया गया.
अब लड़की ने ये सब क्यों किया इस बारे में जांच की जा रही है. एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ठाणे के एक इलाके में रहने वाली नाबालिग लड़की ने 31 साल के युवक पर छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज करवाया. लड़की अपनी मां के साथ थाने पहुंची और रिपोर्ट लिखवाते हुए बताया कि एक युवक ने उसका कई बार पीछा किया. फिर उसका यौन शोषण भी किया. मामला 17 नवंबर, 2019 का है. यहां रहने वाली 13 साल की लड़की ने कहा कि आरोपी ने उसके साथ गलत हरकत की.
पुलिस ने पीड़िता और उसकी मां की तहरीर पर मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद मामला कोर्ट में चलता रहा. फिर 4 फरवरी को जब इसी मामले की सुनवाई हुई तो वहां पीड़िता और उसकी मां ने अपने ही बयान बदल दिए. जिसके बाद कोर्ट ने युवक को बाइज्जत रिहा कर दिया.
5 साल बाद मिला न्याय
विशेष पॉस्को (यौन उत्पीड़न से बच्चों का संरक्षण संबंधी अधिनियम) अदालत की न्यायाधीश वी.वी. विरकर ने चार फरवरी को पारित आदेश में कहा कि पीड़िता और उसकी मां ने कई बार अपने बयान बदले. जिस कारण यह साबित नहीं होता है कि युवक ने उसके साथ छेड़छाड़ या यौन शोषण किया है. 2019 के बाद आखिरकार 5 साल बाद युवक को न्याय मिला.
पेशी के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत से कहा कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं. पीड़िता और उसकी मां भी कोई सबूत नहीं पेश कर सकीं जिससे आरोप सिद्ध हों. यही नहीं, दोनों 4 फरवरी को तो कोर्ट के सामने अपने बयानों से भी मुकर गईं.
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