मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले (Morena district of Madhya Pradesh) में पहाड़गढ़ थाना इलाके के जंगलों में पुलिस और 60 हजार रुपये के इनामी डकैत गुड्डा गुर्जर गैंग से आमने-सामने फायरिंग हो गई। शॉर्ट एनकाउंटर में पुलिस ने गुड्डा गुर्जर गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस के अधिकारियों का कहना है, मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि डकैत गुड्डा गुर्जर अपने साथियों के साथ हनुमान मंदिर पर आ रहा है। किसी घटना को अंजाम देने के लिए, तभी कैलारस थाना प्रभारी पहाड़गढ़ सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस टीमें लगाकर घेराबंदी की। पुलिस डकैत के दो सहयोगी गिरफ्तार करने में तो कामयाबी हासिल कर ली, लेकिन डकैत गुड्डा गुर्जर पुलिस के हाथों से निकल कर फरार हो गया।
मुरैना पुलिस लगातार दावा कर रही है कि उनकी टीम जंगलों में सर्च कर रही है, लेकिन इतना पुलिस फोर्स होने के बाद भी डकैत अपने साथियों के साथ निकल गया। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुरैना पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ हवा हवाई चल रही है। पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी जिले में पोस्टिंग के बाद से दावा कर रहे हैं कि वह गुड्डा गुर्जर डकैत को जल्द पकड़ लेंगे, लेकिन अभी तक उनके हाथ खाली हैं।
इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी टीम, जो जंगलों में डकैतों के नाम पर सर्चिंग कर रही है, वह सिर्फ हवा हवाई है। इससे पहले भी पहाड़गढ़ इलाके में राजस्थान का डकैत केशव गुर्जर आदिवासियों से एक हजार रुपये का टैक्स ले जा चुका है। कहीं न कहीं इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुरैना पुलिस या राजनेताओं का संरक्षण डकैतों को प्राप्त है। गुड्डा गुर्जर गैंग के दो सदस्यों को पुलिस ने पकड़ा है और आधा दर्जन से अधिक खाली खोखे, जो डकैत और पुलिस के की ओर से राउंड फायर किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक अभी भी दावा कर रहे हैं, जल्द दोनों डकैत पुलिस की गिरफ्त में होंगे। लेकिन इतने लंबे समय में पुलिस अधीक्षक डकैतों को नहीं पकड़ पाए। पुलिस अधीक्षक सिर्फ बयानबाजी से ही डकैतों की गिरफ्तारी कर सकते हैं। लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है। चंबल इलाके में इस समय दो डकैत गिरोह चंबल और पहाड़गढ़ की जंगलों में अपनी दहशत बनाए हुए हैं।
पुलिस के अधिकारी और ईडी प्रभारी लगातार डकैत की गिरफ्तारी का दावा तो करते हैं, लेकिन सिर्फ इनका दावा हकीकत में कुछ और ही कहता है। डकैत गुड्डा गुर्जर पर एक दर्जन से अधिक संगीन अपराध दर्ज हैं। लूट, डकैती और हत्या के मामले दर्ज हैं। डकैत गुड्डा गुर्जर को न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है। इसलिए डकैत पुलिस के हाथ में नहीं लग रहा है।
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