नई दिल्ली। ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पटाखों से होने वाले प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। विभिन्न समूहों की ओर से दायर याचिकाओं में 30 नवंबर तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। एनजीटी ने इससे जुड़े मामलों की सुनवाई का दायरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से बढ़ा दिया।
एनजीटी चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में पहले ही दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों की नोटिस भेज चुकी है। जबकि राजस्थान और ओडिशा सरकारें अपने राज्यों में पटाखों की खरीद बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी हैं।
एनजीटी ने पटाखों से प्रदूषण को लेकर आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड से जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि सभी संबंधित राज्य, जहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है, वे ओडिशा और राजस्थान की तरह पटाखों की खरीद और बिक्री पर कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 2 नवंबर को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और चार राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिकाओं में 7 से 30 नवंबर तक पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की मांग गई है।
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