मुंबई।महाराष्ट्र (Maharastra) के मुंबई (Mumbai)में एक अस्पताल (hospital)में रात आग लग गई जिसके चलते दो लोगों की मौत(two death) हो गई. घटना भांडुप इलाके की है. असल में, यहां स्थित ड्रीम मॉल (Dream Mall)में भीषण आग लग गई. इस मॉल में तीसरे मंजिल पर एक अस्पताल भी था जहां 70 से अधिक मरीज भर्ती (More than 70 patients admitted) थे. इनमें से ज्यादातर कोरोना वायरस (Cororna virus)से संक्रमित(infected) मरीज थे. घटना के बाद फायर ब्रिगेड की मदद से अस्पताल के अंदर से सभी मरीजों को निकाल कर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.
आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 20 से अधिक गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं. आग देर रात करीब 11.30 लगी थी, आग कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है. साथ ही अस्पताल के अंदर भी सर्च किया जा रहा है कि कहीं और कोई मरीज़ अंदर फंसा तो नहीं है. घटना के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी प्रशांत कदम ने बताया कि करीब 90 से 95 प्रतिशत मरीजों को बचा लिया गया है जबकि दो लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
घटना को लेकर मुंबई मेयर ने कहा कि ”मैंने पहली बार मॉल के अंदर अस्पताल देखा है. आग लगने की वजहों का पता लगाया जा रहा है. कोरोना मरीजों समेत अन्य मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.”
ज्यादातर कोरोना मरीज थे भर्ती
बताया जा रहा है कि अस्पताल में कुल 76 मरीज थे जिसमें से 73 कोरोना मरीज थे और तीन अन्य बीमारी से पीड़ित थे. इनमें से 30 मरीजों को मुलुंड के जंबो सेंटर में भर्ती कराया गया है जबकि तीन को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अन्य मरीजों ने खुद को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया है.
भंडारा में 10 बच्चों की हो गई थी मौत
इससे पहले, जनवरी में ही महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में आग लगने की घटना में 10 शिशुओं की मौत हो गई थी. 9 जनवरी 2021 को जिला अस्पताल में आग लगने की वजह से दस नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. भंडारा जिला अस्पताल की एक स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट में आग लगने की वजह से ये हादसा हुआ था. तड़के करीब 2 बजे आग लगी थी. इस यूनिट में 17 शिशु भर्ती थे जिनकी उम्र एक से तीन महीने के बीच थी. फायर ब्रिगेड सात बच्चों को बचाने में कामयाब रहा था. इस मामले में दो नर्सों के खिलाफ एक्शन लिया गया था जबकि कई अफसरों पर भी कार्रवाई हुई थी. इन्हें आपराधिक लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया गया था.
CM ने दिए थे सेफ्टी ऑडिट के आदेश!
फिलहाल, मुंबई के इस अस्पताल में लगी आग का मामला गंभीर माना जा रहा है, क्योंकि महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में लगी आग के मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अस्पतालों के सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए थे. यह घटना चिंताजनक इसलिए भी क्योंकि मुंबई के मेयर स्वयं बोल रहे हैं कि उन्हें नहीं पता था कि मॉल के अंदर अस्पताल है.
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