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सत्येंद्र जैन पर दर्ज हुई FIR, करोड़ों रुपये की रिश्वत लेकर जुर्माना माफ करने का है आरोप

  • March 19, 2025

    नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान PWD मंत्री रहे सत्येंद्र जैन मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के सबसे खास सिपहसालारों में शामिल जैन के खिलाफ Anti-Corruption Branch ने बड़ा कदम उठाया है। भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने 571 करोड़ रुपये के CCTV प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना (Liquidated Damages) माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

    दिल्ली सरकार ने 2019 में 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख CCTV कैमरे लगाने के लिए 571 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और उसके ठेकेदारों को सौंपा गया था। हालांकि, काम समय पर पूरा नहीं होने के कारण दिल्ली सरकार ने BEL और ठेकेदारों पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन अब ACB को एक शिकायत मिली है कि इस जुर्माने को बिना किसी ठोस कारण के माफ कर दिया गया। आरोप है कि इसके बदले सत्येंद्र जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई, जो उन ठेकेदारों के माध्यम से दी गई, जिन्हें BEL से आगे का काम सौंपा गया था।

    ACB को इस कथित घोटाले के बारे में जानकारी सबसे पहले एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए मिली। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि BEL को दिया गया जुर्माना एक बड़े भ्रष्टाचार के तहत माफ किया गया है। जब ACB के अधिकारियों ने मामले की जांच की तो BEL के एक अधिकारी ने इन आरोपों की पुष्टि की और पूरी जानकारी दी। इसके बाद ACB ने PWD और BEL से जरूरी दस्तावेज लेकर जांच शुरू कर दी।



    शिकायतकर्ता के मुताबिक, यह रिश्वत अलग-अलग ठेकेदारों के जरिए दी गई। इन ठेकेदारों को BEL से CCTV कैमरों की नई खेप का ऑर्डर दिलवाया गया था और उनके ऑर्डर वैल्यू को जानबूझकर बढ़ा दिया गया। इस बढ़ी हुई रकम से 7 करोड़ रुपये की रिश्वत की व्यवस्था की गई। क्योंकि सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में मंत्री थे, इसलिए ACB को उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए पहले सरकारी मंजूरी (Section 17-A, POC Act) लेनी पड़ी। ACB ने यह मंजूरी मिलने के बाद सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली।

    ACB ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR नंबर 04/2025 दर्ज की है। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 13(1)(a) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B के तहत दर्ज किया गया है। ACB अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें और कौन लोग शामिल हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि CCTV प्रोजेक्ट को सही तरीके से लागू नहीं किया गया था। कई कैमरे शुरुआत से ही खराब थे और उनकी गुणवत्ता भी बहुत खराब थी। अब ACB यह भी जांच कर रही है कि क्या इस प्रोजेक्ट में और भी घोटाले हुए हैं।

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