बाड़मेर: बाड़मेर पुलिस ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी (Harish Chowdhary) के खिलाफ हमला करवाने का मामला दर्ज किया है. तीन साल पहले आरएलपी सुप्रीमो एवं सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Choudhary) के धार्मिक प्रोग्राम में जाने के दौरान कई लोगों ने जानलेवा हमला कर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए थे. इस मामले को लेकर सांसद बेनीवाल ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी और प्रधान सहित 26 नामजद तथा 100-150 अन्य लोगों पर जानलेवा हमला करवाने का आरोप लगाया था. अब लोकसभा विशेषाधिकार हनन समिति के निर्देश पर बाड़मेर पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज की है.
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के निर्देश पर राजस्थान की बाड़मेर जिले की बायतु पुलिस ने करीब तीन साल पुराने मामले में तत्कालीन राजस्व मंत्री व कांग्रेस नेता हरीश चौधरी समेत कई अन्य के खिलाफ केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हमले करवाने का मामला दर्ज किया है. तीन साल पहले 12 नवंबर 2019 को केन्द्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और नागौर सांसद बेनीवाल तेजाजी के धार्मिक उत्सव में भाग लेने बायतु जा रहे थे.
इस दौरान 100 से अधिक लोगों ने सांसद हनुमान बेनीवाल और केन्द्रीय राज्यमंत्री के वाहनों पर पत्थराव कर दिया था. उस समय हनुमान बेनीवाल और केन्द्रीय मंत्री ने राजस्व मंत्री हरिश चौधरी पर हमला करवाने का आरोप लगाया था. इस संबंध में बेनीवाल की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि जान से मारने की नीयत से हमलावरों ने फायर भी किया, जिससे उनके वाहनों के कांच टूट गए. लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से दोनों नेताओं ने अपनी जान बचाई.
समिति ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को दिया आदेश
बेनीवाल ने बताया कि हरीश चौधरी उनके राजनीतिक विरोधी हैं. यह कार्यक्रम हरीश चौधरी के क्षेत्र में होना था. इस कारण बौखलाहट में उन्होंने सुनियोजित तरीके से पुलिस की मौजूदगी में उन पर हमला करवा दिया. इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. इस पर बेनीवाल ने लोकसभा की विशेषाधिकार समिति में इस मामले को पेश किया. समिति ने करीब तीन साल तक सुनवाई करने के बाद गत 23 सितंबर को राजस्थान की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को आदेश दिया कि 7 दिन में बेनीवाल की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर इसकी सूचना समिति को भेजी जाए. इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर इसकी रिपोर्ट भिजवा दी है.
आदेश के 10 दिन बाद दर्ज किया पुलिस ने मामला
हालांकि विशेषाधिकार समिति ने 23 सितंबर को 7 दिन में मुकदमा दर्ज कर जांच की प्रगति से अवगत करवाने को कहा. लेकिन इसके बावजूद 10 दिनों बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. इस संबंध में पुलिस का कहना है मामला दर्ज करके रिपोर्ट भेज दी गई है. इसके साथ ही इस मामले में उस समय भी एक मामला दर्ज हुआ जिसकी जांच भी सीआईडी सीबी कर रही है. बायतु विधायक और प्रधान सहित 26 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है.
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