भोपाल। खरगौन में हुई सांप्रदायिक हिंसा (sectarian violence) को लेकर ट्वीट करना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) को भारी पड़ गया। भाजपा की शिकायत के बाद राजधानी भोपाल के क्राइम ब्रांच थाना पुलिस (Former Chief Minister Digvijay Singh) ने उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मस्जिद पर चढ़े एक शख्स का फोटो ट्वीट करके उसे खरगोन का बताया था। यह फोटो बिहार का था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर भाजपा नेताओं ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लेते हुए प्रदेश में इस ट्वीट को सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश बताया था। इसके बाद गलती का अहसास होने पर दिग्विजय सिंह ने उस पोस्ट डिलीट किया था।
मंगलवार दोपहर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भोपाल में क्राइम ब्रांच पहुंचकर दिग्विजय के खिलाफ शिकायत की थी। हालांकि, पुलिस ने दिग्विजय के खिलाफ राजधानी भोपाल के एमपी नगर इलाके में रहने वाले प्रकाश माण्डे की शिकायत पर दर्ज किया। प्रकाश ने क्राइम ब्रांच को आवेदन देते हुए बताया कि दिग्विजय सिंह ने फेब्रिकेटेड फोटो ट्वीट कर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश कर प्रदेश में अस्थिरता लाने की कोशिश की। प्रकाश प्राइवेट जॉब करते हैं। दिग्विजय के खिलाफ भादवि की धारा 153(A), 295(A), 465 और 505 (2) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की करीब तीन साल पुरानी पोस्ट निकालकर कहा कि इन पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। दिग्विजय ने पुलिस कमिश्नर भोपाल और श्यामला हिल्स थाने को इस संबंध में पत्र भी भेजा है।
उनका कहना है कि कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती, अपराध सामान्य नागरिक करे या मुख्यमंत्री मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले मस्जिद पर चढ़े शख्स का फोटो शेयर करते हुए दिग्विजय ने लिखा था- ‘क्या तलवार-लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगौन प्रशासन ने इसकी इजाजत दी थी।’
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