जबलपुर। जबलपुर (Jabalpur) के करुणा नवजीवन बाल सुधार गृह में धर्मांतरण (Conversion) के खिलाफ आज पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. इस बाल सुधार गृह में कथित रूप से धर्मांतरण की शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने की थी। आयोग ने इस संस्थान में और भी कई अनियमितताएं पायी थीं।
बरेला थाना पुलिस ने “करुणा नवजीवन “बाल गृह पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट समेत मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है. संभवत: एमपी में ये ऐसा पहला मामला है जहां किसी बाल गृह पर मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत FIR हुई है।
ये बाल सुधार गृह जबलपुर के बरेला थाना इलाके में है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम यहां दौरे पर आयी थी. यहां उसे कथित रूप से धर्मांतरण की शिकायत मिली थी। सुधार गृह में रह रहे जुविनाइल्स को बाइबिल पढ़ायी जा रही थी। आयोग की टीम ने जबलपुर शहर में चल रहे ज्यादातर बाल गृहों का औचक निरीक्षण किया था. उसी दौरान बिलहरी में खुले इस करुणा नवजीवन नाम के बाल गृह में आयोग की टीम को कई गड़बड़ियां मिली थीं।
9 पेज की रिपोर्ट
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने अपने औचक निरीक्षण के बाद 9 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें उसे इस बाल गृह में तमाम अनियमितताएं मिली थीं। लेकिन सबसे बड़ा मामला धर्मांतरण से जुड़ा हुआ था. बाल गृह में रहने वाले छात्रों को बाइबिल पढ़ाए जाने का जिक्र रिपोर्ट में किया गया था. इसके लिए बकायदा एक पास्टर रोजाना बालग्रह पहुंचते हैं और उन्हें बाइबिल पढ़ाते हैं. प्रेयर भी कराई जाती है. इससे स्पष्ट तौर पर धर्मांतरण का अंदेशा बाल आयोग की टीम को दिखा था।
बच्चों को शिफ्ट करने की सिफारिश
बाल आयोग की ओर से दिए गए सुझावों पर अमल करते हुए पुलिस और प्रशासन इस चाइल्ड होम पर कार्रवाई कर सकता है. बाल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि तत्काल बाल गृह में रहने वाले छात्र छात्राओं को कहीं और शिफ्ट किया जाए क्योंकि बाल अधिकारों का भी जमकर हनन इस चाइल्ड केयर होम में किया जा रहा है।
FIR की सिफारिश
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जिले के कलेक्टर और एसपी को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। आयोग की टीम ने कहा था कि वह संबंधित बालगृह के संचालक पर FIR दर्ज करें और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए।
बाल गृह में सब कुछ उलटा पुलटा
यह बाल गृह दिल्ली निवासी जिम डी चलाते हैं। आरोप है कि यहां ना केवल धर्मांतरण बल्कि तय मापदंडों का पालन भी बाल गृह में नहीं किया जा रहा। लड़के और लड़कियां एक साथ ही रहते हैं. इसलिए शौचालय भी अलग अलग न होकर कॉमन हैं. एक नियम ये है कि बच्चों के हेल्थ चेकअप के लिए नियमित रूप से डॉक्टर यहां आएं. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. आयोग ने जिले में बनी बाल संरक्षण समिति के रवैए पर भी सवाल खड़ा किया है. इसमें साप्ताहिक निरीक्षण का दायित्व भी नहीं निभाया गया है। निरीक्षण के दौरान टीम ने बाल गृह में मौजूद एक महिला का वीडियो रिकॉर्ड किया है जो बताती है कि धर्मांतरण का खेल किस तरीके से बाल ग्रह में चल रहा है. इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जल्द कार्रवाई की बात कही है और महिला बाल विकास विभाग समेत सामाजिक कल्याण विभाग को भी ज़रूरी निर्देश दिए हैं।
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