इंदौर। चुनावी आचार संहिता लगने से पहले नगर निगम ने अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए प्राप्त आवेदनों के आधार पर सूची जाहिर की है। लगभग 195 अवैध कालोनियों की सूची जारी करते हुए 15 दिन में दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गई है। इसी के साथ इन अवैध कालोनियों को बसाने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी थानों पर निगमायुक्त ने पत्र भिजवाए हैं।
शासन ने पिछले दिनों अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए नए सिरे से नियमों में संशोधन किया और अब 10 फीसदी मकान बने होने की बाध्यता भी समाप्त कर दी, जिसके चलते अयोध्यापुरी सहित अन्य कालोनियां भी वैध होने की श्रेणी में आ गई।
निगम ने पहले 18 और फिर 177, इस तरह कुल 195 अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया अभी शुरू की है और दावे-आपत्तियां आमंत्रित की गई है। अवैध कालोनियों को वैध करने के साथ शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन कालोनियों को काटने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाए। लिहाजा निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर निगम के कालोनी सेल ने इन सभी 195 अवैध कालोनियों को काटने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने संबंधी पत्र भी थानों पर भेज दिए हैं। जांच-पड़ताल के बाद पुलिस एफआईआर दर्ज करना शुरू करेगी।
596 में से 163 ही पूर्व में मिली थी वैध योग्य
पूर्व में अवैध कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की गई, मगर जबलपुर हाईकोर्ट ने उसे नियम विरूद्ध बताया, जिसके चलते पूर्व में वैध की गई कालोनियां भी अवैध हो गई। निगम ने पिछली बार 596 में से 163 अवैध कालोनियों को ही वैध योग्य माना था, जिनमें संबंधित विभागों की एनओसी भी प्राप्त हो गई। अब जो नए सिरे से सूची जारी की गई उनमें इन कालोनियों के अलावा कुछ अन्य कालोनियां भी नए प्रावधान से जुड़ गई।
कई कालोनाइजरों की हो चुकी है मौत
अभी नगर निगम ने जो 195 अवैध कालोनियों से जुड़े कालोनाइजरों के संबंध में पत्र थानों पर भिजवाए हैं, उनमें कुछ कालोनाइजरों की मौत भी हो चुकी है। जैसे उदाहरण के लिए सुलकाखेड़ी में अवैध छत्रपति नगर कालोनी को स्व. प्रभाकर अरसुले ने विकसित किया। अब निगम ने इनके खिलाफ भी थाने पर पत्र भेज दिया। निगम का कहना है कि पुलिस जांच के आधार पर कार्रवाई करेगी।
31 दिसंबर 2016 के पूर्व अस्तित्व में आई कालोनियां ही शामिल
शासन ने पिछले दिनों 31 जनवरी 2022 को जो गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित करवाया, जिसमें अवैध कालोनियों को वैध करने के नियमों का प्रकाशन किया गया। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि 31 दिसंबर 2016 के पूर्व अस्तित्व में आई कालोनियों को ही वैध किया जाएगा और उसके बाद बनी अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लिहाजा निगम ने सर्वे करने के बाद वैध योग्य कालोनियों की सूची जारी कर दी है।
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