भोपाल। जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) द्वारा सिंचाई परियोजनाओं में ठेकेदारों को बिना काम के करोड़ों का भुगतान करने के मामले में EOW ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) में 3333 करोड़ रुपये की सात परियोजनाओं के लिए 877 करोड़ से अधिक का एडवांस भुगतान (Advance Payment) किया गया था। EOW ने जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के पूर्व प्रमुख अभियंता राजीव सुकलीकर (Former Chief Engineer Rajiv Suklikar) को इस मामले में आरोपी बनाने की तैयारी कर ली है। हालांकि सरकार इस मामले में मंत्रालय स्तर पर किसी भी लापरवाही से पहले ही इंकार कर चुकी है।
जल संसाधन विभाग ने अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के बीच सात सिंचाई परियोजनाओं की टर्नकी आधार पर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली के निर्माण के लिए 3,333 करोड़ रुपए की लागत की सात निविदाएं स्वीकृत की थी। इसमें मुख्य रूप से बांध का निर्माण कर जलाशय से जल उद्वहन कर निश्चित क्षेत्र में पंप हाउस, प्रेशराइज्ड पाइप लाइन आदि बिछाकर सिंचाई के लिए जल प्रदाय किया जाना है। गंगा कहार (रीवा) के मुख्य अभियंता द्वारा शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि गोंड वृहद परियोजना के लिए 27 मई 2019 को शासन की ओर से भुगतान की शर्तों को शिथिल कर दिया गया। तत्कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा निविदा प्रपत्रों के भुगतान शेड्यूल में उल्लेखित शर्त को विलोपित करने संबंधी आदेश अपने स्तर से 17 मई 2019 को जारी किया गया। इस पर संबंधित परियोजनाओं के मुख्य अभियंता सहित अन्य मैदानी अधिकारियों ने भी बांध का काम शुरू किए बिना नहरों एवं प्रेशराइज्ड पाइप के कार्य हेतु सामग्रियों पर भुगतान कर दिया। इस तरह के कृत्य को अनियमितता की श्रेणी में माना गया है। अब ईओडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इन फर्मों को बिना काम के भुगतान
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