उज्जैन। शहर में वर्षों पुरानी सैकड़ों अवैध कॉलोनियाँ थीं, जिनमें से 36 को वैध किया जा रहा है और 40 अवैध कॉलोनियाँ काटने वालों के खिलाफ एफआईआर भी की गई है। इन अवैध कॉलोनियों में नगर निगम ने पाईप लाईन भी डलवा दी तथा वहाँ बिजली के मीटर कनेक्शन भी हो गए और रजिस्ट्रियाँ तो पहले ही हो चुकी थीं और अब प्रकरण दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में 6000 कॉलोनियों को अवैध से वैध करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इनमें उज्जैन की 36 कॉलोनियां शामिल हैं जिन्हें वैध किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। पिछले 20 वर्षों में उज्जैन में उज्जैन शहर में तेजी से कॉलोनियों का विकास हुआ।
इस दौरान कई अवैध कॉलोनियों का निर्माण भी हुआ। इन अवैध कालोनियों में विकास के कई काम हुए लेकिन इनमें निर्मित भवनों के नक्शे पास नहीं होने से कॉलोनीवासियों के बैंक से लोन और अन्य काम नहीं हो पा रहे थे। इसी के चलते सरकार पिछले चुनाव 2018 के पहले से अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी इसके चलते अब तक यह कॉलोनियां वैध नहीं हो पाई। उज्जैन शहर में भी ऐसी 135 कॉलोनियों के करीब थी जिनमें से करीब 40 कॉलोनियों के संचालकों पर अनियमितता के चलते नगर निगम एफआईआर दर्ज ककरा चुकी और उन पर मुकदमा चल रहा है, लेकिन इन पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई नहीं की है। वहीं 36 कॉलोनियों की प्रक्रिया अवैध से वैध करने के रूप में चल रही है जिसकि जानकारी भोपाल भेजी जा चुकी है। भोपाल में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए विधानसभा में ड्राफ्ट तैयार किया गया है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह ड्राफ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट पास होते ही प्रदेश की सभी अवैध कॉलोनियां जिनको वैध करने की प्रक्रिया चल रही है ये सभी वैध हो जाएंगी। प्रदेश सरकार ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया है जिसे जल्दी ही पास कर दिया जाएगा।
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