नई दिल्ली। रूस (Russia) की परवाह किए बगैर फिनलैंड (Finland) ने आखिरकार नाटो की सदस्यता (NATO membership) ले ली है। राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो (President Sauli Niinisto) ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि हमारा मकसद किसी से दुश्मनी नहीं है। बता दें कि रूस से युद्ध में यूक्रेनी सरकार (Ukrainian government) के कदम पीछे न हटने के बाद फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो जॉइन करने की बात कही थी।
दरअसल, यूक्रेन पर रूस के हमले से फिनलैंड और स्वीडन दोनों देशों का यह पुराना विश्वास टूट गया है कि ताकतवर पड़ोसी से टकराव टालने का सबसे अच्छा तरीका किसी भी सैन्य संगठन से बाहर रहना है। इसी क्रम में बुधवार को फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली नीनिस्टो ने बड़ी घोषणा करते हुए नाटो की सदस्यता ग्रहण करने का ऐलान लिया। अभी स्वीडन की ओर से आधिकारिक ऐलान बाकी है।
फिनलैंड के राष्ट्रपति नीनिस्टो ने अपनी घोषणा में कहा कि उनका मकसद किसी अन्य देश से दुश्मनी लेना नहीं है। नार्डिक देश के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के हाथों पराजय के बाद से फिनलैंड अभी तटस्थ रुख अख्तियार किए था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved