उज्जैन। सीएमएचओ (CMHO) के एक आदेश के बाद शा.माधवनगर और चरक सहित जिला अस्पताल (District Hospital including Sha.Madhavnagar and Charak) में डॉक्टर्स ने अंगुलियां उठाना शुरू कर दिया है। ऑखों के डॉक्टर्स का कहना है कि चरक में जब ओटी चार दिन में शुरू होने वाली है तो फिर शा.माधवनगर कैसे काम करेंगे? वहीं हड्डी के डॉक्टर्स का कहना है कि जब जिला अस्पताल (district hospital) में सारा काम हो रहा है तो फिर शा.माधवनगर में कैसे संभव है कि एक ही डॉक्टर दो जगह जाए। वैसे भी स्टॉफ है कहां ?
सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल ने एक आदेश जारी करके शा.माधवनगर के प्रभारी डॉ.विक्रम रघुवंशी को निर्देश दिए, उससे आशय था कि वे कोरोना मरीजों का एक वार्ड रखें और एक कक्ष स्टोर के लिए रखें। शेष सभी वार्ड एवं ऑपरेशन थियेटर, आयसीयू आदि आंख तथा हड्डी वार्ड के लिए छोड़ दें। इस दिशा में डॉ.रघुवंशी द्वारा मंथन किया जा रहा था कि किस प्रकार से यह काम करें।
यह कहना है हड्डी के डॉक्टर्स का
हड्डी विभाग के वरिष्ठ डॉ.महेश मरमट के अनुसार शा.माधवनगर को कोरोना का हॉस्पिटल बनाने के बाद से मरीज जिला अस्पताल आ रहे हैं और हम भी यहीं ऑपरेशन कर रहे हैं। हमारा पूरा सेटअप जम गया है। डॉक्टर्स भी कम है। निश्चेतना विशेषज्ञ मात्र एक ही है। जिला अस्पताल में ऑपरेशन करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यहां फिजिशियन,निश्चेतना विशेषज्ञ और हड्डी के डॉक्टर्स एक साथ मिलकर काम करते हैं, क्योंकि हड्डी के ऑपरेशन में अकेले हड्डी का सर्जन ही काम नहीं कर सकता, सभी का समन्वय बनाकर उपचार होता है। उन्होंने कहाकि इन स्थिति में हमारे लिए संभव नहीं है कि हम यहां भी करें और शा.माधवनगर में भी।
नैत्र विभाग के वरिष्ठ डॉ.निलेश चंदेल के अनुसार चरक भवन में हमने ऑंखों के ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर तैयार कर लिया है। एक कल्चर की रिपोर्ट निगेटिव्ह आ गई थी। दूसरे की शुक्रवार को आ जाएगी। हम तो सोमवार से ओपीडी शुरू करके चरक में ऑंख के ऑपरेशन के लिए मरीजों को एडमिट करने का प्लान कर रहे हैं। स्टॉफ भी सीमित है और ऑपरेशन थियेटर तैयार है। ऐसे में शा.माधवनगर जाना मुश्किल है। हम अपनी बात सीएमएचओ को समझाएंगे।
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