नई दिल्ली (New Dehli) । केन्द्रीय राज्य मंत्री (Union Minister of State) कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर (Vikas Kishore) की लाइसेंसी पिस्टल (licensed pistol) पर आरोपी अंकित वर्मा की अंगुलियों (fingers) के निशान मिले हैं। घटना के बाद फोरेंसिक (forensics) विशेषज्ञों ने पिस्टल से फिंगर प्रिन्ट के नमूने लिये थे। ये नमूने अंकित के फिंगर प्रिन्ट से मेल खा गये हैं। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने पुलिस से यह भी बताया कि हत्या में इस्तेमाल इस पिस्टल पर एक और युवक की अंगुलियों के निशान मिले हैं।
माना जा रहा है कि ये निशान अजय रावत के है। मंत्री के घर की फुटेज में अजय रावत तकिया के नीचे से पिस्टल निकालते हुये दिख रहा है। हालांकि, इस फुटेज की हम पुष्टि नहीं करते है। विनय श्रीवास्तव की हत्या के बाद उसके घर वाले और पुलिस मौके पर पहुंची थी तो खून से लथपथ शव के पास ही विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्टल पड़ी मिली थी। एक सितम्बर की रात में ही जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने दावा किया था कि विनय को गोली अंकित वर्मा ने मारी थी।
उसके साथ मारपीट के समय अजय रावत और शमीम भी थे। इन तीनों को ही जेल भेजा गया था। अंकित ने पुलिस अफसरों के सामने कुबूला था कि हत्या से कुछ देर पहले ही सौरभ व अरुण उर्फ बंटी घर से चले गये थे। विनय की गोली लगने से मौत होने पर अंकित ने इन दोनों को फिर बुला लिया था। एडीसीपी ने बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट के आधार पर कुछ तथ्यों की पड़ताल की जा रही है।
फुटेज से उलझी गुत्थी नहीं सुलझा सकी पुलिस
घर वाले पुलिस की इस कहानी से संतुष्ट नहीं थे और वह लगातार सवाल उठाते रहे कि सौरभ व बंटी भी अंकित के साथ हत्या की साजिश में शामिल रहे हैं। इन्हें पुलिस ने दबाव में छोड़ दिया है। पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बता दिया था। पर, पुलिस भी तब सवालों के घेरे में आ गई जब मंत्री के घर लगे कैमरों की फुटेज विनय के परिवारीजनों ने वायरल कर दी। इसमें 4:07 बजे का एक फुटेज है जिसमें बंटी कार के पास खड़ा दिख रहा है।
यह फुटेज हत्या से करीब एक मिनट पहले का ही है। एक फुटेज 4:08 बजे का है जिसमें विनय जाता दिखता है पर अचानक मुड़ कर वह दूसरे कमरे में चला जाता है। इस कमरे की तरफ लगा कैमरा खराब बताया गया। विनय के दूसरी ओर जाते ही अजय अचानक सिरहाने लगी पिस्टल लेकर उठता दिखता है। वह भी पिस्टल लेकर उस ओर ही जाता है, जिधर विनय गया था। इसके बाद चंद सेकेण्ड बाद ही गोली चलने का दावा किया जा रहा है। इससे जुड़े कई सवाल अभी भी अनसुलझे है और पुलिस भी उनका जवाब नहीं दे पा रही है।
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