छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले में जन सेवा शिविर को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों सहित अन्य को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, सरकारी योजना का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिलना चाहिए, इसमें वह किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रमाकोना में आयोजित जन सेवा शिविर में पहुंचे थे। यहां उन्होंने 121 अधिकारियों से चर्चा की, जिसमें कलेक्टर से आवास योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि और आयुष्मान कार्ड संबंधी जानकारी ली। उन्होंने बीच-बीच में आम सभा में मौजूद लोगों से पूछा कि कितने लोगों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि मिल रही है। ऐसे में वंचित लोगों को तत्काल सम्मान निधि का लाभ दिलाने के लिए मंच से ही कलेक्टर को निर्देशित किया।
आयुष्मान कार्ड को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब मंच से जनता से जानकारी ली तो कुछ लोगों ने आयुष्मान योजना का लाभ न मिलने की बात पर अपने हाथ उठा दिए, जिसको लेकर उन्होंने कहा कि सीएमएचओ कौन है। काफी देर तक सीएमएचओ मंच पर नहीं पहुंचे, जिसके बाद छिंदवाड़ा एसडीएम अतुल सिंह ने मंच से नीचे उतर कर उन्हें ढूंढकर मंच पर लाया। जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, किसी भी कंडीशन में प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बन जाना चाहिए। सीएम शिवराज ने फौती नामांतरण मामले में कलेक्टर से कहा कि शिविर लगाने की जरूरत क्यों पड़ रही है। उन्होंने मंच पर एसडीएम को बुलाकर कहा, पटवारी लोगों के नामांतरण प्रकरण नहीं कर रहा है, जिसके कारण शिविर लगाने पड़ रहे हैं। हमने कहा कि मैं एसडीएम और तहसीलदार को वार्निंग देता हूं कि वह लोगों को ढूंढने और उन्हें फौती नामांतरण का लाभ दें। हमारा काम है, जनता की सेवा करना।
जनता को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमुआ की जनता से गुहार लगाते हुए कहा कि न तो आपने भाजपा को जिले में सांसद दिया और न ही कोई विधायक। अब कम से कम पार्षद तो हमें दे दो। इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दमुआ नगर पालिका में भाजपा की सरकार आने के बाद जनता को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बल्कि नगरपालिका आपके बीच में आकर जनता के काम करेगी। साथ ही सीएम शिवराज ने कहा, हमने दमुआ के विकास के लिए लगभग 12 करोड रुपये पहुंचाए थे, लेकिन कांग्रेस की स्थानीय नगरीय निकाय की सरकार ने बंदरबांट करते हुए उसे खा गए। इसके अलावा सीएम शिवराज ने आरोप लगाते हुए कहा, केंद्र सरकार के द्वारा पीएम आवास के 800 आवासों के प्रकरण स्वीकृत कर दमुआ पहुंचाए गए थे। लेकिन यहां सिर्फ चार सौ आवास ही हितग्राहियों को दिए गए और लगभग 400 आवास पीएम मोदी के डर से वापस भेज दिए गए। इसके साथ ही विगत कई साल से डब्ल्यूसीएल की जमीन पर बने आवासों को हटाने या स्थाई रखने के ज्वलंत मुद्दे पर सीएम शिवराज ने कहा, जो जहां है वहीं रहेगा।
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