नई दिल्ली। समय के साथ एंड्रॉयड स्मार्टफोन (android smartphone) की मांग भी बढ़ती जा रही है, खासकर भारत (India) में। अब तो ऐसे गिने-चुने लोग ही मिलेंगे, जिनके पास अब तक स्मार्टफोन नहीं है। हालांकि आने वाले कुछ सालों में ये समस्या भी दूर हो जाएगी और हर व्यक्ति के हाथ में एक स्मार्टफोन होगा। वैसे स्मार्टफोन रखना आज के समय में कोई बड़ी बात नहीं रह गई है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये होती है कि अगर फोन में वायरस (Virus) घुस गया तो क्या होगा।
अक्सर आपने देखा होगा कि फोन में वायरस घुस ही जाता है और कई तरह की दिक्कतें पैदा करता है। जैसे फोन गर्म (Mobile Hot) हो जाता है। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो कभी-कभी इंटरनेट (Internet) चलाने या वीडियो (Video) देखने पर फोन गर्म हो जाता है। इसके अलावा कभी-कभी फोन स्लो (Mobile Slow) भी हो जाता है। किसी को मैसेज भेजने (send message) के लिए टाइपिंग (Typing) करते समय भी फोन की स्पीड कम हो जाती है। इन सबका कारण वायरस हो सकता है।
आपने देखा होगा कि कभी-कभी स्मार्टफोन का डेटा अपने आप डिलीट हो जाता है और फाइल भी करप्ट हो जाती है। आप पहले जिस फाइल को आसानी से खोल सकते थे और उसमें मौजूद चीजों को देख सकते थे, वहीं फाइल बाद में खुलती ही नहीं है। असल में ये सब फोन में वायरस घुस जाने की वजह से होता है।
एंड्रॉयड फोन में वायरस के आने का एक प्रमुख संकेत फोन की बैटरी का कमजोर होना भी होता है। वायरस की वजह से फोन की बैटरी बहुत जल्दी खत्म होने लगती है। हालांकि अगर आपका फोन 2-3 साल पुराना है तो फिर बैटरी की दिक्कत हो सकती है। ऐसी स्थिति में बैटरी बदल लेना बेहतर होगा।
दरअसल, एंड्रॉयड फोन में वायरस के प्रवेश करने का प्रमुख जरिया इंटरनेट ही होता है। अगर आपके फोन पर वायरस का अटैक होगा तो हो सकता है कि आपका डेटा जल्दी खत्म हो जाए। इसके अलावा फोन में वायरस होने की स्थिति में ज्यादा पॉपअप ऐड भी आने लगते हैं।
अगर आप पोस्टपेड उपभोक्ता हैं तो हो सकता है कि आपके फोन का बिल ज्यादा आए, क्योंकि वायरस फोन में कोई भी सर्विस एक्टिवेट कर देता है और ऐसे में आपको पता भी नहीं चलता और कुछ न कुछ डाउनलोड होता रहता है। ऐसे में जाहिर है कि आपका बिल ज्यादा आएगा। इसलिए इन चीजों पर ध्यान देना जरूरी होता है।
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