• img-fluid

    मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा

  • July 10, 2020

    आज है शायर-गीतकार असद भोपाली का जन्मदिन
    इन्दौर। बचपन से शब्दों की बाजीगरी असद को पसद थी दोस्तों की महफिलों में शेरों शायरी खूब सूनाते थे पढ़ाई के बाद मुम्बई आ गए तो ख़ास तव्वोजो नहीं मिली आखिर संघर्षों के बाद बोल फूट पड़े और कालजयी गीत दिल का सूना साज जमाना ढूंढेगा… मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा की रचना कर डाली आज भी यह गीत सर्वश्रेष्ठ गीतों में शामिल है।
    10 जुलाई 1921 को जन्मे गीतकार असद भोपाली की मृत्यु 9 जून 1990 को हुई। असद के पिता का नाम मुंशी अहमद खान था और असद उनकी पहली संतान थे। उनके जन्म नाम असादुल्लाह खान था। उन्होंने फारसी, अरबी, उर्दू और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। असद अपनी शायरी के चलते धीरे-धीरे असद भोपाली के नाम से मशहूर हो गये। 28 साल की उम्र में यह गीतकार बनने के लिए बंबई आ गये और पहचान बनाने के लिए संघर्ष किया।
    यह हैं असद के लोकप्रिय गीत
    दिल दीवाना बिन सजना के माने ना… मैंने प्यार किया, कबूतर जा जा जा… मैंने प्यार किया, हम तुम से जुदा होकर… एक सपेरा एक लुटेरा, दिल का सूना साज… एक नारी दो रूप, ऐ मेरे दिल-ए-नादां तू ग़म से न घबराना… टॉवर हाउस, दिल की बातें दिल ही जाने… रूप तेरा मस्ताना, हसीन दिलरुबा करीब आ जऱा… रूप तेरा मस्ताना, अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो… हम सब उस्ताद हैं, वो जब याद आये बहुत याद आये… पारसमणि आदि।

    Share:

    पुलिस ने कमाई का निकाला तरीका

    Fri Jul 10 , 2020
    – वाहन चालक की रसीद काटकर राशि की जगह खाली छोड़ देते हैं इंदौर। कल मॉडर्न चौराहे पर लगे पुलिस के चैकिंग पॉइंट में एक बाइक सवार का चालान काटने वाली पुलिस की चोरी उस समय पकड़ी गई, जब पुलिस ने रसीद पर राशि की जगह खाली छोड़ दी और रुपए ले लिए। बंगाली चौराहे […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved