जबलपुर। भ्रष्टाचार व अनियमित्ताओं के लिए दोषी पाये गये सरपंच को पुन: वित्तीय अधिकार दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस पीके कौरव की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल को निर्धारित की गयी है।
याचिकाकर्ता राजा राम तथा भानु प्रताप की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि दमोह जिले के ग्राम बोरीखुर्द के सरपंच बाबू लाल पटैल के खिलाफ अनियमिकत्ता तथा भ्रष्टाचार की शिकायत प्रशाासनिक अधिकारियों व लोकायुक्त से की गयी थी। शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जिला कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की थी।
जांच में सरपंच द्वारा सात लाख रूपये की अर्थिक अनियमित्ताएं किया जाना उजागर हुआ था। इसके अलावा सरपंच ने मजदूरों की पेमेंट भी अपने खाते में जमा करवा ली थी। जांच में दोषी पाये जाने के बाद सरपंच से वित्ति अधिकारी वापस ले लिये गये थे। याचिका में कहा गया था कि सरपंच को पुन: वित्तीय अधिकारी वापस कर दिये गये है। याचिका में मांग की गयी थी कि सरपंच के वित्तीय अधिकारी उपयोग पर रोक लगाई जाये। याचिका में पंचायत विभाग के सचिव, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, सीईओ हटा जनपद पंचायत तथा सरपंच को अनावेदक बनाया गया था। याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शरद वर्मा तथा अधिवक्ता शैलेन्द्र वर्मा ने पैरवी की।
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