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सहकारी बैंकों की वित्तीय हालत कमजोर किसानों पर बढ़ सकता है आर्थिक बोझ

September 15, 2022

  • सोसायाटियों से किसानों को उर्वरक का विक्रय नगद में किया जाएगा

सीहोर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंको की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है। इसके चलते सहकारिता के क्षेत्र में कई व्यवसाय भी मंदे होने की संभावना है। इसके साथ ही जिला सहकारी बैंको से किसानों को भी हर साल जीरो ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। इन ऋणी किसानों में कई किसान डिफाल्टर भी हो गये हैं। इसमें से कई किसान हैं ऐसे हैं जिन्होंने कई सालो से ऋण जमा नहीं किया है। इसके साथ ही जो किसान नियमित ऋण जमा करते है। इन किसानों पर भी सहकारी बैंको की स्थिति कमजोर होने का असर हो सकता है। जहां डिफाल्टर किसानों से बकाया वसूली के लिये अभियान चल सकता है। वहीं सोसायाटियों की बकाया ऋण राशि भी किसानों से वसूली जा सकती है। इतना ही नहीं अभी शासन के द्वारा नये दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें ऋणी, अऋणी और डिफाल्टर किसानों को भी नगद में उर्वरक खाद सोसायाटियों के माध्यम से दिया जाएगा। ताकि पैक्स पर आर्थिक बोझ न पड़े और उर्वरिक खाद का वितरण किसानों को नियमित किया जा सकें।


किसानों को उर्वरक खाद प्रदाय करने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा अब किसानों को उर्वरक खाद का नगद वितरण करने की व्यवस्था की गई है। क्योंकि कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के संबंद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों(पैक्स) के नियमित कृषकों को वर्ष 2022-23 की शेष अवधि में नगद में रासायनिक उर्वरक विक्रय किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। कृषकों को जिले में रासायनिक उर्वरक का 70 प्रतिशत वितरण सहकारिता के माध्यम से वितरण किया जाए।
बैंक द्वारा प्रदाय रासायनिक खाद लिमिट कालातीत होने के कारण अथवा बैंक की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उन समितियों को रासायनिक खाद, नियमित सदस्यों को वितरण के लिए कठिनाई हो रही है। ऐसे कमजोर वित्तीय स्थिति वाले जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अथवा कालातीत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के नियमित कृषकों को वर्ष 2022-23 की शेष अवधि के लिए उर्वरक का विक्रय नगद में किया जाए।

किसान चाहे ऋणी,अऋणी या डिफॉल्टर हो सभी को नगद में उर्वरक मिलेगा
किसानों को खाद की आपूर्ति निर्बाध रूप से की जायेगी। किसानों की समस्याओं से वे भली-भांति वाकिफ है। कृषि मंत्री कमल पटेल अपने निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि ऋणी, अऋणी और डिफॉल्टर सभी किसानों को नगद राशि में सोसायटियों से यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायेगी। जिन किसानों के खाते सहकारी बैंक में नहीं है या जो किसान सहकारी समितियों के सदस्य नहीं है, उन्हें भी नगद राशि से यूरिया उपलब्ध कराया जायेगा।

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