नई दिल्ली। वित्तवर्ष 2020-21 के लिए विदेश मंत्रालय के लिए 18154.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही अनुदान और ऋण के रूप में क्षेत्र के 10 देशों को 6458.95 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
बजट प्रावधानों के अनुसार सबसे अधिक सहायता 3004.5 करोड़ रुपये भूटान को दी जाएगी। इसमें पहले से ही घोषित अनुदान के रूप में 2124.20 करोड़ रुपये और ऋण के रूप में 880.75 करोड़ रुपये शामिल हैं। दूसरी सबसे बड़ी राशि 992 करोड़ रुपये नेपाल को दी जाएगी और इसके बाद हिंद महासागर के द्वीप मॉरीशस को 900 करोड़ रुपये दिए जायेंगे। अफगानिस्तान को बांध और संसद से जुड़ी परियोजना के लिए 350 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मालदीव को 250 करोड़ रुपये मिले, जबकि म्यांमार को 400 करोड़ रुपये मिले। बांग्लादेश और श्रीलंका दोनों को 200 करोड़ रुपये मिले जबकि सेशेल्स को 160 करोड़ रुपये और मंगोलिया को 2 करोड़ रुपये मिले हैं।
भारत का विदेशों में कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर विशेष ध्यान है। चाबहार परियोजना को 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं, पिछले साल भी इसे इतनी ही राशि मिली थी। अफ्रीका को 300 करोड़ रुपये, यूरेशियन देशों के लिए 100 करोड़ रुपये और लैटिन अमेरिका के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट के तहत अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए 2031.93 करोड़ रुपये रखे गए हैं। विदेश मंत्रालय के बजट प्रावधान के तहत संयुक्त राष्ट्र के संगठनों को 400 करोड़ रुपये मिलेंगे। बिम्सटेक सचिवालय को 25 करोड़ रुपये और सार्क सचिवालय को 12 करोड़ रुपये दिए गए हैं। कॉमनवेल्थ सचिवालय को 11.22 करोड़ रुपये मिले और कॉमनवेल्थ फाउंडेशन को 1.40 करोड़ रुपये मिले हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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