भोपाल। वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता की राशि नहीं मिलने से जनकल्याण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित कई योजनाओं की रफ्तार रूकी हुई है। इस कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। दरअसल वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्रीय सहायता अनुदान में 25 फीसदी ही फंड मिलने से मप्र को 75 फीसदी राशि का इंतजार है। इससे एसटी, एससी और ओबीसी के लाखों छात्रों की 1,688 करोड़ की छात्रवृत्ति बंट सकेगी। वहीं जनकल्याण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित कई योजनाओं के काम भी रफ्तार पकड़ेंगे। मनरेगा में भी मजदूरी बांटने की दिक्कत भी नहीं आएगी।
गौरतलब है कि केंद्र से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 32,556 करोड़ रुपए मिलना है, जिसके एवज में चार माह के दौरान सिर्फ 2,710 करोड़ की सहायता मिल सकी है। प्रदेश में जनकल्याण से जुड़ी केंद्र और राज्य की करीब 300 योजनाओं का संचालन किया जाता है। इनमें से कई योजनाओं में केंद्र सरकार से 60 से लेकर 75 फीसदी तक सहायता अनुदान मिलता है। खासकर मनरेगा, एसटी, एससी तथा ओबीसी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत इंदिरा गांधी वृद्धावस्था, विधवा, नि:शक्तजन पेंशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी अनेक योजनाओं में फंड मिलता है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्रीय सहायता मिलता है। बकाया अनुदान में भारत सरकार से 32 हजार 556 करोड़ रुपए की राशि मामले में केंद्र मिलनी है, जिसमें से 31 जुलाई तक सिर्फ 2,710 करोड़ रुपए ही मिल सके। वैसे चार माह के हिसाब से मप्र को 10,852 करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे।
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