नई दिल्ली (New Delhi)। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने भरोसा जताया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 (Current financial year 2023-24) में 6.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर (Economic growth rate of 6.5 percent) हासिल की जा सकती है। वित्त मंत्रालय को यह भरोसा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों (rising prices of crude oil) और मानसून की कमी के जोखिमों के बावजूद है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अगस्त महीने की मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि देश चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेगा। वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा कि कंपनियों की लाभप्रदता, निजी पूंजी निर्माण और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार के कारण ये वृद्धि दर हासिल की जा सकती है।
मंत्रालय की मासिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत वित्त वर्ष 2022-23 की तरह मौजूदा वित्त वर्ष का सामना पूरे भरोसे के साथ करने को तैयार है। आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी की वृद्धि दर के पीछे मजबूत घरेलू मांग, खपत और निवेश मुख्य वजह थी। इसके अलावा जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आदि जैसे विभिन्न उच्च-आवृत्ति संकेतकों में भी वृद्धि दर्ज की गई।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।
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