नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) विधानसभा चुनाव (assembly elections) की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र (budget session) शुक्रवार को आरंभ होगा। राष्ट्रपति (President) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था (Economy) की सेहत का लेखा-जोखा पेश करेगा। साथ ही, इसमें कृषि, इंडस्ट्री और सर्विस क्षेत्र के प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी होंगे। वित्त मंत्री सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट और अपना लगातार आठवां बजट शनिवार को पेश करेंगी।
बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक है। राष्ट्रपति मुर्मू अपने भाषण में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही भविष्य की तैयारियों का खाका पेश करेंगी। हालांकि सभी की निगाहें लगातार आठवीं बार आम बजट पेश करने जा रहीं सीतारमण पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में आधारभूत संरचना विकास, समाज कल्याण और कर सुधार सरकार का मुख्य एजेंडा होगा। सरकार इसके जरिये आधी आबादी को साधे रखने, मध्य वर्ग को राहत देने और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने का संदेश देगी। इस बजट को मोदी सरकार का अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट माना जा रहा है क्योंकि इसी से तय होगा कि आगे देश किस दिशा में आगे बढ़ेगा। आम बजट पेश होने के बाद सोमवार से दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी।
सर्वदलीय बैठक में सहयोग की अपील
बजट सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। संसद की कार्यवाही पर दिल्ली विधानसभा चुनाव, महाकुंभ हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत, वक्फ संशोधन बिल का असर दिखाई देगा। सत्र से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति के वक्फ विधेयक पर रिपोर्ट तैयार करने में मनमानी करने, महाकुंभ के प्रबंधन में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए इस पर चर्चा की मांग की है।
कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख को असली आजादी बताने के मामले में भी चर्चा की मांग उठाई।
वक्फ संशोधन समेत कई बिल होंगे पेश
सरकार की तैयारी बजट सत्र के पहले ही चरण में वक्फ संशोधन बिल के साथ कुछ अन्य विधेयकों को पेश करने की है। वक्फ (संशोधन) बिल के साथ मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके अलावा विमान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक और आव्रजन और विदेशी विधेयक भी शामिल हैं। साथ ही वित्त विधेयक, 2025 व संबंधित अनुदान मांगों तथा विनियोग विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। ऐसे 10 अन्य विधेयक भी हैं, जो पिछले सत्र से दोनों सदनों में लंबित हैं।
वक्फ संशोधन की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी। समिति ने 655 पेज की रिपोर्ट को बुधवार को 15-11 के बहुमत से स्वीकार किया था। इस रिपोर्ट को बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में रखा जाएगा। रिपोर्ट में भाजपा सदस्यों की ओर से सुझाए गए बदलाव शामिल किए गए हैं। भाजपा सदस्यों का कहना है कि बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा। वहीं रिपोर्ट की आलोचना करते हुए विपक्षी सदस्यों ने कहा था कि यह असांविधानिक है। इससे मुसलमानों के धार्मिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप का रास्ता खुलेगा और वक्फ बोर्ड खत्म हो जाएंगे।
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