नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि खुदरा महंगाई (मुद्रास्फीति) (Retail inflation) अब ‘स्थिर’ (now ‘stable’) है। उन्होंने कहा कि कुछ मौकों पर मुद्रास्फीति में अस्थाई बढ़ोतरी (temporary increase) वैश्विक झटके (Global shocks) और प्रतिकूल मौसम की स्थिति (adverse weather conditions) से उत्पन्न मांग-आपूर्ति विसंगतियों के कारण होती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारत की खुदरा महंगाई अब स्थिर है। यह दो फीसदी से 6 फीसदी के अधिसूचित सहनशीलता बैंड के भीतर है। सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति अप्रैल-अक्टूबर 2022 में 7.1 फीसदी के औसत से घटकर 2023 की इसी अवधि में 5.4 फीसदी हो गई है।
सीतारमण ने मुख्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट के लिए मूल्य वृद्धि के कमजोर दबाव को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति से अस्थिर खाद्य और ईंधन वस्तुओं को हटाने के बाद मुख्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट का अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के दबाव को कमजोर करने में महत्वपूर्ण रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोर महंगाई दर अप्रैल 2023 के 4.3 फीसदी से घटकर अक्टूबर 2023 में 4.3 फीसदी पर आ गई है। मंत्री ने कहा कि 2016 में मुद्रास्फीति सहिष्णुता बैंड की अधिसूचना के बाद भारत में खुदरा मुद्रास्फीति ज्यादातर स्वीकार्य सीमा के भीतर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आपूर्ति पक्ष की सक्रिय पहल और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से मांग में स्थिरता लाने के प्रभावी उपायों से मांग-आपूर्ति में अंतर को दूर करने और मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिली है।
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