मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि देश के कई जिलों में बैंकिंग (banking in districts) सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने रविवार (Sunday) को इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (Indian Banks Association) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इन जिलों में आर्थिक गतिविधियों का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन बैंकिंग उपस्थिति काफी कम है। सीतारमण ने बैंकों से कहा कि वे अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें।
उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे यह तय कर सकते हैं कि गली-मोहल्ले में छोटे स्तर के मॉडल (small scale model) के जरिये कहां बैंकिंग मौजूदगी दर्ज कराने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह डिजिटलीकरण (digitization) और प्रयासों के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज बैंकों का बही-खाता (Ledger account) अधिक साफ-सुथरा है।
इससे सरकार पर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण का बोझ कम होगा। सीतारमण ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्गठन कंपनी को ‘बैड बैंक’ नहीं कहा जाना चाहिए, जैसा अमेरिका में कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बैंकों को तेज-तर्रार बनने की जरूरत है। उन्हें प्रत्येक इकाई की जरूरत को समझना होगा जिससे 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved