नई दिल्ली (New Delhi)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Finance Minister Nirmala Sitharaman) जुलाई के आखिरी सप्ताह में 2024-25 के लिए बजट पेश (presenting the budget)कर सकती हैं। दरअसल, सीतारमण(sitharaman) 20 जून को उद्योग मंडलों (Industry Chambers)के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श(Prior deliberation) करेंगी। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2024-25 का बजट जुलाई के दूसरे पखवाड़े में संसद में पेश किए जाने की संभावना है। उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श से पहले 18 जून को राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के साथ बैठक होगी। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का आर्थिक एजेंडा तय किया जाएगा।
मुद्रास्फीति को बिना वृद्धि को गति देने के उपायों पर विचार करेंगी
वित्त मंत्री मुद्रास्फीति को नुकसान पहुंचाए बिना वृद्धि को गति देने के उपायों पर विचार करेंगी। साथ ही गठबंधन सरकार की मजबूरियों को पूरा करने के लिए संसाधन तलाशेंगी। आर्थिक एजेंडे में निकट भविष्य में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक देश को विकसित भारत में बदलने के लिए तेजी से सुधार लाने के कदम शामिल होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान के अनुसार, ग्रामीण मांग में सुधार और मुद्रास्फीति में नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
‘बजट में निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर राहत जरूरी’
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के नए अध्यक्ष संजीव पुरी का मानना है कि सबसे निचले स्लैब के लोगों के लिए आयकर राहत पर विचार करने की आवश्यकता है। पुरी ने भूमि, श्रम, बिजली और कृषि से संबंधित सभी सुधारों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने को संस्थागत मंच बनाने का भी सुझाव दिया। उद्योग मंडल ने कहा कि उसे नहीं लगता कि गठबंधन राजनीति की मजबूरियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में सुधारों में बाधक बनेंगी। इसके बजाय उसका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन और पिछले 2 कार्यकाल में नीतियों की सफलता इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आधार तैयार करेगी।
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