नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री (Union Finance and Corporate Affairs Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों (Financial Technology (Fintech) Companies) के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उनके सामने आने वाले नियामकीय मुद्दों पर चर्चा की गई, उन्हें नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया।
वित्त मंत्रालय ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने यहां करीब 50 वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उनके साथ वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, रेजरपे, फोनपे, गूगल-पे और अमेजन-पे सहित निजी क्षेत्र की वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और स्टार्टअप कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। इसमें भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एस. कृष्णन के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर उपस्थित थे। ये बैठक ऐसे समय मे आयोजित हुई है, जब रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है। बैठक में फिनटेक उद्योग में नियमों के अनुपालन का मुद्दा सामने आया है। हालांकि, बैठक में पेटीएम के प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने नियमों का अनुपालन नहीं करने के लिए 31 जनवरी, 2024 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को 29 फरवरी के बाद ग्राहकों से कोई भी नई जमा राशि या ‘टॉप-अप’ स्वीकार करने पर रोक लगा दिया था। उसके बाद रिजर्व बैंक ने इस समय-सीमा को 15 मार्च, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है। केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते एनपीसीआई को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से उपयोगकर्ताओं को चार-पांच अन्य बैंकों में स्थानांतरित करने की संभावना पर गौर करने की सलाह दी है। दरअसल, पेटीएम पमेंट्स बैंक के पास 30 करोड़ वॉलेट और तीन करोड़ बैंक ग्राहक हैं।
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