नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारत क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के रेगुलेशन का फैसला बहुत सोच-विचार कर लेगा. इस डिजिटल करेंसी के दुरुपयोग की आशंकाओं को देखते हुए कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही. सीतारमण ने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर उचित फैसला लिया जाए. इसमें समय लगेगा.
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ब्लॉकचेन (Blockchain) से जुड़ी सभी तकनीकों और इनोवेशन को आगे बढ़ाने को तैयार है. लेकिन, क्रिप्टो के नियमन पर फैसला सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जा सकता है. ऐसी आशंका भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश जता चुके हैं. इन आशंकाओं का समाधान होना जरूरी है.
आरबीआई लाएगा डिजिटल रुपया
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक भी अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है. इसकी घोषणा वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में की थी. RBI वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया जारी करेगा. हालांकि, अभी केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपया जारी करने की कोई आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया है. वहीं भारत क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगा चुका है. इसके अलावा प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत TDS भी देना होता है. 30 फीसदी टैक्स और एक फीसदी टीडीएस लगाने की घोषणा बजट में की गई थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय को एक अच्छा कदम बताते हुए कहा कि मूलभूत ढांचे की बढ़ती हुई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बड़े बैंकों की जरूरत है. इस तरह के विलय से अगर बैंक का आकार बढ़ता है तो इसे अच्छा ही माना जाएगा. कोविड-19 से मरने वालों की संख्या की सही जानकारी नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को आंकड़े राज्य सरकारों से प्राप्त हुए थे. राज्य सरकारों के आंकड़ों में बदलाव के बाद कुल डाटा को संशोधित किया गया था.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved