लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस-प्रशासन अब इन दोनों संस्थाओं की शुरू करेगा जांच-पड़ताल
इंदौर। अभी भूमाफियाओं (Land mafia) के खिलाफ पुलिस-प्रशासन (Police-Administration) के पास ढेर सारी शिकायतें आ रही हैं, जो प्रमुख दागी गृह निर्माण संस्थाएं हैं उनमें शामिल नव भारत (Navbharat), कविता, मजदूर पंचायत, न्याय नगर, विकास अपार्टमेंट व अन्य के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर अब प्रशासन अन्य संस्थाओं की कालोनियां को भी जांच में शामिल कर रहा है, जिसके चलते मजदूर पंचायत की श्री महालक्ष्मी नगर और न्याय नगर की फाइलें भी खोली जा रही हैं। इनके दस्तावेज प्रशासन के पास जब्त भी हैं और इन संस्थाओं की जमीनें भी भूमाफियाओं ने ठिकाने लगा रखी है।
न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण के नितिन सिद्ध सहित 18 संचालकों के खिलाफ पहले से ही आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं। 2600 से अधिक सदस्यों वाली इस संस्था ने भी पीडि़तों को भूखंड नहीं दिए। वहीं नोटरी पर भी कई भूखंड बिक गए और अवैध निर्माण भी उन पर बड़ी संख्या में हो गए। पूर्व कलेक्टर पी. नरहरि (P. Narhari) ने भी सर्वे करवाया था और 110 भूखंडों पर कब्जे पाए गए, जिनकी रजिस्ट्रियां भी करवाई गई। न्याय नगर में भी भूमाफियाओं ने अवैध रजिस्ट्रियां करवा दी। वहीं न्याय नगर (Nyaya Nagar) एक्सटेंशन में भी बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां हुईं। खजराना में 141 एकड़ जमीन संस्था ने खरीदी थी। बब्बू-छब्बू जैसे भूमाफियाओं ने न्याय नगर में घोटाले किए। इसी तरह मजदूर पंचायत गृह निर्माण की श्री महालक्ष्मी नगर (Mahalaxmi Nagar) में भी सदस्यों की जमीनें बिक गई, जिसके चलते शिकायतों पर अब जांच शुरू करवाई जा रही है। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि अभी पहले चरण में अयोध्यापुरी और पुष्प विहार के साथ हीना पैलेस घोटाले को लिया गया था। अब जागृति गृह निर्माण, राजगृही के साथ श्री महालक्ष्मी नगर और न्याय नगर की जांच शुरू करवाई जा रही है। मजदूर पंचायत गृह निर्माण पर भी दीपक मद्दे, बॉबी सहित अन्य का कब्जा रहा है, जिसकी पुष्प विहार कालोनी पर अभी प्रशासन द्वारा कब्जे दिलवाए जा रहे हैं। कल भी बड़ी संख्या में जनसुनवाई में श्री महालक्ष्मी नगर, न्याय नगर के अलावा विकास अपार्टमेंट, कविता, प्रिंसेस इस्टेट से लेकर अन्य संस्थाओं की शिकायतें मिली हैं। दरअसल, प्रशासन द्वारा इस पर अयोध्यापुरी और पुष्प विहार में भूखंड पीडि़तों को न्याय दिलवाया जा रहा है, उससे अन्य संस्थाओं के पीडि़तों को भी उम्मीद बंधी कि उन्हें न्याय मिल सकता है। लिहाजा अब प्रशासन भूमाफियाओं के चंगुल में फंसी अन्य दागी गृह निर्माण संस्थाओं की भी जांच-पड़ताल शुरू करवा रहा है। सहकारिता विभाग से भी इस संबंध में रिकार्ड मांगे गए हैं।
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